नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने शुक्रवार को दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. माकन ने इस्तीफे की घोषणा करते हुए हिंदी में ट्वीट कर कहा, ‘2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव के उपरांत बतौर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पिछले चार वर्षों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा कांग्रेस कवर करने वाली मीडिया द्वारा एवं हमारे नेता राहुल गांधी जी द्वारा, मुझे अपार स्नेह और सहयोग मिला. इन कठिन परिस्थितियों में यह आसान नहीं था. इसके लिए ह्रदय से आभार.’
2015 विधान सभा के उपरान्त-
बतौर @INCDelhi अध्यक्ष-पिछले 4 वर्षों से,दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा,कांग्रेस कवर करने वाली मीडिया द्वारा,एवं हमारे नेता @RahulGandhi जी द्वारा,मुझे अपार स्नेह तथा सहयोग मिला है।इन कठिन परिस्थितियों में यह आसान नहीं था! इसके लिए ह्रदय से आभार!
— Ajay Maken (@ajaymaken) January 4, 2019
माकन ने 2 मार्च 2015 को अरविंदर सिंह लवली की जगह दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष की कमान संभाली थी.
नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर पार्टी के एक नेता ने बताया कि माकन ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है.
उन्होंने यह भी कहा कि माकन ने गुरुवार रात राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की और इस्तीफे की पेशकश की, जिसे शीर्ष नेतृत्व द्वारा स्वीकार कर लिया गया.
अभी चुनावी साल 2019 को शुरू हुए चार दिन नहीं हुए हैं कि राजनीति की दुनिया में एक के बाद एक झटके देखने को मिल रहे हैं. आपको बता दें कि गुरुवार को ही आम आदमी पार्टी के लीडर एचएस फुलका ने भी पार्टी को इस्तीफ़ा सौंप दिया. फुलका जो 1984 सिख दंगों के मामलों की वकालत करते आए हैं, ने राजीव गांधी के भारत रत्न वापसी को लेकर भारी आपत्ति जताई थी. उनके अनुसार राजीव गांधी 1984 के सिख दंगों को रोकने में नाकामयाब रहे थे.
इस गति के साथ यदि दिग्गज नेता इस्तीफे देते गए, तो ऐसे में 2019 में होने वाले चुनावों में दल-बदल, गठबंधन और टिकट आवंटन की प्रक्रिया ज़रूर देखने लायक होगी
(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)