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Monday, 20 January, 2025
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आईओसी चीता पुनर्वास परियोजना के लिए 50 करोड़ रुपये देगी

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नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) देश की प्रमुख पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) अफ्रीका से भारत में चीतों के महत्वाकांक्षी पुनर्वास के लिए 50.22 करोड़ रुपये देगी। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

(आईओसी) ने 75 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के दो-तिहाई हिस्से को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के साथ एक समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।

आईओसी ने बयान में कहा कि एनटीसीए के तत्वावधान में आईओसी द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी ‘चीता पुर्नवास परियोजना’ सात दशक के बाद 17 सितंबर को भारतीय जमीन पर पहले चीते का स्वागत करने के लिए तैयार है।

आईओसी कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के माध्यम से ‘चीता परियोजना’ का समर्थन करने वाली पहली और एकमात्र कॉरपोरेट है।

इस परियोजना के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 15-20 चीते मध्य प्रदेश के ‘कुनो नेशनल पार्क’ में लाए जाएंगे।

आईओसी चीतों के पुनर्वास के साथ-साथ इनके रहने के ठिकाने के प्रबंधन, संरक्षण, पारिस्थितिकी विकास, कर्मचारी प्रशिक्षण और पशु चिकित्सा स्वास्थ्य देखभाल के लिए पांच साल में 50.22 करोड़ रुपये का योगदान देगी।

आईओसी ने दो अगस्त को कहा था कि उसने भारत में चीतों के स्थानांतरण के लिए एनटीसीए के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

समझौता ज्ञापन पर आईओसी के चेयरमैन एस एम वैद्य और एनटीसीए के महानिदेशक (चीता परियोजना) और सदस्य सचिव एस पी यादव ने हस्ताक्षर किए।

भारत में चीतों की आबादी 19वीं शताब्दी के दौरान घट गई। इसकी मुख्य वजह स्थानीय राजाओं और ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा चीतों का शिकार करना था। वर्ष 1948 में अंतिम तीन एशियाई चीतों का शिकार किया गया और 1952 में चीता को देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।

भाषा रिया अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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