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Friday, 22 November, 2024
होमदेश'राज करने का अधिकार' नहीं बल्कि 'सेवा का कर्तव्य': लेखी ने बताया क्यों बदला गया राजपथ का नाम

‘राज करने का अधिकार’ नहीं बल्कि ‘सेवा का कर्तव्य’: लेखी ने बताया क्यों बदला गया राजपथ का नाम

लेखी ने बताया कि राजपथ का नाम बदलकर कर्त्व्य पथ करना बताता है कि लोगों की सेवा करना 'राज करने का अधिकार' नहीं बल्कि 'सेवा का कर्तव्य' निभाना है.

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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने बुधवार को बताया कि केंद्र सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर कर्त्व्य पथ क्यों किया है. नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने बुधवार को एक विशेष बैठक के बाद नाम बदलने की मंजूरी दे दी है.

बैठक के बाद लेखी ने कहा कि हम आजादी के बाद से उपनिवेशी मानसिकता लिए हुए हैं.

उन्होंने कहा, ‘राजपथ दिखाता है कि आप राज करने के लिए आए हैं. पीएम ने कहा है कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और हमें साम्राज्यवादी नीतियों और निशानियों को खत्म करना चाहिए. इसलिए राजपथ का नाम बदलकर कर्त्व्य पथ किया गया है.’

लेखी ने ट्वीट कर कहा कि हमने आजादी के 75 साल पूरे किए हैं. उन्होंने कहा, ‘हमें उपनिवेशी भार से आगे बढ़कर अपनी खुद की विरासत के साथ भारत की आजादी के 100 साल की तरफ बढ़ना चाहिए.’

लेखी ने बताया कि राजपथ का नाम बदलकर कर्त्व्य पथ करना बताता है कि लोगों की सेवा करना ‘राज करने का अधिकार’ नहीं बल्कि ‘सेवा का कर्तव्य’ निभाना है.

लेखी ने इसे महत्वपूर्ण फैसला बताते हुए देश के नागरिकों को बधाई दी और कहा कि ये अमृत काल में मातृभूमि की सेवा करने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है.

गौरतलब है कि ब्रिटिश शासन के दौरान राजपथ को किंग्सवे के नाम से जाना जाता था.


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