scorecardresearch
Friday, 17 January, 2025
होमदेशअर्थजगतभारत का शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य उतना महत्वाकांक्षी नहींः ऑस्ट्रेलियाई उद्यमी

भारत का शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य उतना महत्वाकांक्षी नहींः ऑस्ट्रेलियाई उद्यमी

Text Size:

नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) ऑस्ट्रेलिया के अरबपति उद्यमी माइक कैनन-ब्रुक्स ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का भारत का लक्ष्य उतना महत्वाकांक्षी नहीं है लेकिन प्रौद्योगिकी लागत और जोखिम में कटौती को अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रोत्साहन के तौर पर देखा जाना चाहिए।

सॉफ्टवेयर कंपनी एटलेसियन के सह-संस्थापक एवं सह-मुख्य कार्य अधिकारी ब्रुक्स ने यहां ‘ऑस्ट्रेलिया-भारत नेतृत्व संवाद 2022’ सम्मेलन में नवीकरणीय ऊर्जा पर केंद्रित एक सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही।

ब्रुक्स ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत का वर्ष 2070 का शुद्ध-उत्सर्जन लक्ष्य धरती की जरूरतों के लिहाज से उतना महत्वाकांक्षी नहीं है। लेकिन निश्चित रूप से भारत पहले की तुलना में अब अधिक आकांक्षी है। पिछले 10 वर्षों में अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं में महत्वाकांक्षा बढ़ते हुए दिखी है। प्रौद्योगिकी से जुड़ी लागत जितनी कम होगी, जोखिम भी उतना कम होगा। यह प्रोत्साहन एक अच्छी बात है।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में आयोजित जलवायु सम्मेलन में कहा था कि भारत वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना चाहेगा।

ब्रुक्स ने कहा, ‘जब हम जलवायु परिवर्तन से जुड़े कदम उठाते हैं, तो हम बड़े पैमाने पर उपलब्ध प्रौद्योगिकी के साथ ऐसा कर सकते हैं। हमें इसे लेकर सजग होने की जरूरत है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया को जलवायु परिवर्तन की दिशा में कदम उठाते समय अवसरों एवं आकांक्षा का लाभ उठाना होगा।’’

इस सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया और भारत के कारोबारी, शैक्षणिक एवं सरकारी जगत के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने शिरकत की।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments