बैंगलुरुः कर्नाटक के बैंगलुरु में जो कि इस वक्त बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है वहां तमाम आईटी प्रोफेशनल्स अपने ऑफिस जाने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लेने को मजबूर हैं.
एचएएल एयरपोर्ट के पास में येमलुर पानी में पूरी तरह से डूब गया है. इस एरिया में रहने वाले तमाम लोगों ने ऑफिस पहुंचने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लिया.
आईटी कंपनी में काम करने वाली एक महिला ने कहा, ‘हम ऑफिस से बहुत ज्यादा छुट्टियां नहीं ले सकते. हमारा काम प्रभावित हो रहा है. हम लोग ट्रैक्टर्स का इंतजार करते हैं ताकि वे हमें ऑफिस तक छोड़ दें. इसके लिए हमें 50 रुपये देने होते हैं.’
इस बीच कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने बारिश की वजह से होने वाले करीब 225 करोड़ रुपये के घाटे पर चर्चा करने का आईटी कंपनियों को भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा, ‘हम आईटी कंपनियों को बुलाएंगे और उनसे जलभराव के कारण हो रही परेशानी के मुद्दों पर बात करेंगे. इसके अलावा हम क्षतिपूर्ति और अन्य संबंधित मुद्दों पर भी बात करेंगे जो कि बारिश की वजह से हुआ है.’
उनका यह बयान तब आया है जब कि आईटी कंपनी के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से इस बात की सिफारिश की कि वे आउटर रिग रोड से संबंधित समस्या को हल करें. जलभराव के कारण बैंगलोर में ट्रैफिक जाम और वहां रहने वाले लोगों के जीवन में तमाम तरह की असुविधा होती है.
कोरामंगल एरिया में रहने वाले एक स्थानीय ने कहा कि भारी बारिश की वजह से जलभराव होता है जिसकी वजह से ड्राइविंग करना बहुत मुश्किल होता है.
एक स्थानीय निवासी ने बताया, ‘काफी बारिश हुई है. हम सुबह उठे और देखा की जलभराव हो रहा है. रोड पर पानी डिवाइडर के सतह तक आ चुका था. इसके बाद हमने पानी को रोड और बेसमेंट से बाहर फेंकना शुरू किया. मेरे पूरे बेसमेंट में पानी भर गया था. शहर में तमाम जगह बेसमेंट में बनी दुकानों और अपार्टमेंट्स में पानी भर गया है.’
एक स्थानीय ने बताया, ‘जब भी पानी बरसता है तो ऐसा ही होता है. इस साल काफी बारिश हो रही है. जिन किसी की भी दुकानें बेसमेंट में हैं उन्हें दिक्कतें हो रही हैं.’
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह परिस्थिति हर साल आती है और खराब ड्रेनेज सिस्टम की वजह से पानी भर जाता है जिसे उन्हें पंप लगा के निकालना पड़ता है.
एक स्थानीय ने कहा, ‘यह हर साल होता है. बारिश के बाद जलभराव होता है और हमें पानी को बाहर निकालना पड़ता है. इसका कोई स्थाई समाधान नहीं है. जब सड़क बनाई जा रही थी तब ड्रेनेज सिस्टम को अच्छे से नहीं बनाया गया. जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कत हो रही है. तमाम औरतें तो फिसलकर गिर भी चुकी हैं.’
दरअसल, जुलाई की शुरुआत में कर्नाटक में भारी बारिश की वजह से बाढ़ आ गई जिसके बाद रेस्क्यू मिशन और राहत कार्य को शुरू किया गया. मुख्यमंत्री बोम्मई को केंद्र से भी सहायता मांगनी पड़ी.
यह भी पढ़ेंः देश भर में फैन्स, अच्छी इमेज- क्यों चुनावी राज्य तेलंगाना में BJP टॉलीवुड स्टार का साथ खोज रही