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Thursday, 21 November, 2024
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कानून मंत्री रिजीजू ने अभिव्यक्ति की आजादी की कमी पर टिप्पणी के लिए पूर्व जज की आलोचना की

रिजीजू ने कहा कि जो लोग बिना पाबंदी के निर्वाचित प्रधानमंत्री की निंदा करते हैं, वे अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर विलाप कर रहे हैं.

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नई दिल्ली: कानून मंत्री किरण रिजीजू ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी एन श्रीकृष्ण की उनकी अभियक्ति की आजादी में कमी संबंधी टिप्पणी के लिए आलोचना की है.

रिजीजू ने कहा कि जो लोग बिना पाबंदी के निर्वाचित प्रधानमंत्री की निंदा करते हैं, वे अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर विलाप कर रहे हैं.

एक राष्ट्रीय अखबार में प्रकाशित न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) श्रीकृष्ण के साक्षात्कार को लेकर किए गए ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए रिजीजू ने कहा, ‘जो लोग हमेशा बिना किसी पाबंदी के निर्वाचित प्रधानमंत्री की निंदा करने के लिए बोलते हैं, वे अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर विलाप कर रहे हैं. वे कांग्रेस द्वारा लागू किए गए आपातकाल के खिलाफ कभी नहीं बोलेंगे. वे कुछ क्षेत्रीय पार्टियों के मुख्यमंत्रियों की आलोचना करने की हिम्मत कभी नहीं करेंगे.’

शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश ने कहा था कि आज चीजें ‘बहुत ही खराब’ हैं.

उन्होंने कहा था, ‘मैं स्वीकार करता हूं, अगर मैं चौक पर खड़ा होकर कहूं कि मैं प्रधानमंत्री का चेहरा पसंद नहीं करता तो कोई आकर मेरे खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई कर सकता है, बिना किसी कारण के मुझे गिरफ्तार कर जेल में डाल सकता है. यह ऐसा कुछ है, जिसका हम सभी नगारिकों को विरोध करना चाहिए.’

रिजीजू ने शनिवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि वह नहीं जानते कि क्या उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ने वास्तव में ऐसा कहा है.

मंत्री ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘अगर यह बयान सच है तो यह उस संस्था की प्रतिष्ठा को कम करता है, जिसकी वे सेवा कर सेवानिवृत्त हुए हैं.’

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


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