दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के फीचर कार्टून में, सतीश आचार्य ने कक्षा 8 की एक संशोधित कन्नड़ किताब में सावरकर के बारे में दिए गए अंश पर टिप्पणी की है, जो सुझाव देता है कि हिंदू महासभा के विचारक अपनी जेल की कोठरी में ‘बुलबुल के पंख पर बैठकर उड़ जाते थे’. सतीश प्रधानमंत्री मोदी के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘बाल नरेंद्र’ की एक कहानी को दर्शाते हुए तंज कस रहे हैं.
आर. प्रसाद, कन्नड़ पुस्तक में सावरकर पर आधारित कहानी के विवाद को लेकर टिप्पणी कर रहे हैं.
साजिथ कुमार ने कर्नाटक में भाजपा सरकार द्वारा संशोधित कक्षा 8 की पुस्तक में विनायक सावरकर का ‘महिमामंडन’ करने के लिए आलोचना की है.
नाला पोनप्पा ने कर्नाटक में लिंगायत द्रष्टा शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू के नाबालिगों से यौन उत्पीड़न करने के आरोपों पर टिप्पणी की है.
कीर्तिश भट्ट ने नासा के आर्टेमिस 1 लॉन्च को नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर्स के विध्वंस से जुड़ते हुए तंज कसा है.
(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)