नई दिल्ली: साल 2021 में 181 आंतकी हमले हुए जिसमें से 113 जिहादी आतंकियों द्वारा किए गए. केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के डेटा में यह जानकारी दी है.
आंकड़ों का दावा है कि चरमपंथियों, विद्रोहियों और आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों की कुल संख्या 550 थी.
जिहादियों और अन्य लोगों द्वारा आतंकी हमलों में नागरिकों की मौत की संख्या – 2021 में 35 थी, 2017 के बाद से ‘जिहादी’ आतंकवादियों के हमलों में मौतों की संख्या में कमी आई है, जब यह शब्द पहली बार एनसीआरबी रिपोर्ट में पेश किया गया था.
2017 में, ‘जिहादी आतंकवादी’ के हमलों के कारण 85 मौतें हुईं, जबकि 2021 में यह संख्या 39 थी- 17 नागरिक और 22 सुरक्षाकर्मी.
इस बीच, 53 लोग वामपंथी चरमपंथियों द्वारा और तीन ‘पूर्वोत्तर विद्रोहियों’ द्वारा मारे गए.
आंकड़ों के मुताबिक, इसके अलावा, 254 मोबाइल सेट, 12 रेडियो सेट और 80 साहित्य चरमपंथियों, विद्रोहियों और आतंकवादियों से बरामद किए गए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में देश में बरामद कुल 1,42,914 किलोग्राम विस्फोटकों में से केवल 195 किलोग्राम के लिए चरमपंथियों, विद्रोहियों और आतंकवादियों से बरामदगी हुई.
NCRB का डेटा बताता है, 2020 में बरामद किए गए 68,312 किलोग्राम विस्फोटक की तुलना में, 2021 के दौरान कुल 1,42,914 किलोग्राम विस्फोटक (आरडीएक्स, टीएनटी, प्लास्टिक विस्फोटक, गन पाउडर, आतिशबाज़ी / आतिशबाजी आदि) जब्त किए गए हैं. इसमें
चरमपंथियों/ उग्रवादी/आतंकवादी से बरामदगी शामिल है. (195 किग्रा) और तस्करों सहित अन्य अपराधियों (1,42,719 किग्रा) से बरामदगी भी शामिल है.
एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक, गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) संशोधन अधिनियम (यूएपीए) के तहत, राज्यों में कुल चार मामले आतंकवादियों द्वारा अपराधों के लिए दर्ज किए गए थे, जबकि 134 अकेले जम्मू और कश्मीर में दर्ज किए गए थे – एकमात्र केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) जहां ऐसे मामले दर्ज किए गए थे.
जम्मू और कश्मीर भारत में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2021 में यूटी भी एकमात्र था, जिसने ‘आतंकवादियों द्वारा अपराध’ के तहत हत्या और हत्या के प्रयास के मामले दर्ज किए. 30 आरोपियों पर हत्या का आरोप लगाया गया था, जबकि 46 पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया था.
जब ‘उत्तर-पूर्वी विद्रोहियों द्वारा अपराध’ की बात आती है, तो 2021 में दर्ज किए गए कुल 151 मामलों में से 136 मणिपुर से, जबकि आठ असम में दर्ज किए गए थे.
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत 2021 में भारत में साइबर आतंकवाद के पंद्रह मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से तीन-तीन मामले उत्तर प्रदेश, राजस्थान और झारखंड से दर्ज किए गए थे.
मेघालय या जम्मू-कश्मीर को छोड़कर किसी भी पूर्वोत्तर राज्य से साइबर आतंकवाद का कोई मामला सामने नहीं आया.
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