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Friday, 22 November, 2024
होमदेशविस्फोटक, धूल का गुबार- कुतुब मीनार से भी ऊंचे सुपरटेक ट्विन टॉवर को 9 सेकंड में ढहाया गया

विस्फोटक, धूल का गुबार- कुतुब मीनार से भी ऊंचे सुपरटेक ट्विन टॉवर को 9 सेकंड में ढहाया गया

सुपरटेक ने कहा है कि उसने ट्विन टॉवर का निर्माण नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा मंजूर भवन (बिल्डिंग) योजना के मुताबिक ही किया था और इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया था.

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नई दिल्ली: नोएडा में सुपरटेक ट्विन टॉवर रविवार को 3,700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल कर लगभग नौ सेकंड में ढहा दिया गया, जिससे नौ साल की लंबी कानूनी लड़ाई खत्म हो गई.

टॉवर, एपेक्स (32 मंजिल) और सेयेन (29 मंजिल) राष्ट्रीय राजधानी में कुतुब मीनार से 100 मीटर ऊंचे थे जिनके विध्वंस में कम से कम 3,700 किलोग्राम वजन वाले विस्फोटकों का सहारा लेना पड़ा.

सुपरटेक ट्विन टॉवर में विस्फोट के बाद धूल का गुबार | सुरज सिंह भिष्ट | दिप्रिंट

विस्फोट के तुरंत बाद टावर ढह गया, जिससे भारी धूल का एक बादल पैदा हो गया और इससे आसपास का वातावरण प्रदूषित हो गया.

हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यावरण विभाग ने प्रदूषण के स्तर की निगरानी के लिए विध्वंस स्थल पर छह स्पेशल डस्ट मशीन लगाई हैं.

एक तकनीशियन उमेश ने कहा, ‘विस्फोट से पहले, दौरान और बाद में प्रदूषण का स्तर दर्ज किया जाएगा. इस मशीन के माध्यम से पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा की जांच की जाएगी. इसकी रिपोर्ट अगले 24 घंटों में आ जाएगी.’

एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी में रहने वाले एक परिवार ने अपना फ्लैट खाली कर पार्श्वनाथ गांव में शिफ्ट कर दिया है. निवासी हिमांशु ने कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि वे शाम तक शिफ्ट हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने एक-दो दिन की तैयारी की हुई है.

एपेक्स (32 मंजिला) और सेयेन (29 मंजिला) टावरों को गिराने से लगभग 35,000 क्यूबिक मीटर मलबा निकलने की संभावना है जिसे साफ होने में कम से कम तीन महीने लगेंगे.

टॉवर को ढहाने से पहले सेक्टर 93ए के पास के अस्पतालों ने एहतियाती कदम उठाते हुए जरूरत पड़ने पर आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने की तैयारी की हुई थी.

जेपी अस्पताल की ओर से शनिवार को जारी बयान में कहा गया, ‘जेपी अस्पताल सेक्टर 128 नोएडा विध्वंस के लिए पूरी तरह से तैयार है. हमने आठ आपातकालीन विभाग बेड और 12 आईसीयू बेड इसके लिए तैयार किए हुए हैं. साथ ही, सभी आवश्यक दवाओं और उपकरणों से लैस एक एसीएलएस एम्बुलेंस किसी भी दुर्घटना के लिए स्टैंडबाय पर रहेंगी.’

सुपरटेक का बयान

रियल्टी क्षेत्र की कंपनी सुपरटेक ने कहा है कि उसने ट्विन टॉवर का निर्माण नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा मंजूर भवन (बिल्डिंग) योजना के मुताबिक ही किया था और इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया था.

सुपरटेक ने कहा कि इन दो टावरों के ध्वस्तीकरण का प्रभाव कंपनी की अन्य रियल एस्टेट परियोजनाओं पर नहीं पड़ेगा और घर खरीदारों को उनके फ्लैट समय पर मुहैया करवाए जाएंगे.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एमराल्ड कोर्ट सोसायटी परिसर के बीच इस निर्माण को नियमों का उल्लंघन बताया था, जिसके बाद इन्हें ढहाने का काम किया जा रहा है.

सुपरटेक ने बयान में कहा, ‘नोएडा स्थित ट्विन टावर एपेक्स और सियान सेक्टर 93ए में एमराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा हैं और इन्हें नोएडा प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूमि पर बनाया गया. इन दो टावरों समेत भवन योजना को नोएडा प्राधिकरण ने 2009 में मंजूरी दी थी और ये राज्य सरकार द्वारा उस समय घोषित भवन उपनियमों के पूरी तरह से अनुरूप हैं.’

कंपनी ने कहा कि कोई भी काम इमारत नियम से परे जाकर नहीं किया गया है और इनका निर्माण नोएडा प्राधिकरण को पूरा भुगतान करने के बाद ही किया गया. उसने कहा, ‘हालांकि उच्चतम न्यायालय ने निर्माण को तकनीकी आधार पर संतोषजनक नहीं पाया और इन दो टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया. हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं और इसके अनुपालन की प्रतिबद्धता जताते हैं.’

सुपरटेक ने आगे कहा, ‘हमने घर खरीदारों को 70,000 से अधिक आवास मुहैया कराए हैं और बाकी के घर खरीदारों को भी निर्धारित समयसीमा में घर देंगे. हम सभी घर खरीदारों को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अन्य परियोजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और वे सभी परियोजनाएं जारी रहेंगी.’

भाषा के इनपुट से


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