नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में गुलाम नबी आजाद के सपोर्ट में कई नेताओं ने इस्तीफा दिया है. वहीं सलमान खुर्शीद ने कहा कि वह देश हित में राहुल गांधी का समर्थन करते रहेंगे.
जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री आरएस चिब ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा है कि उन्होंने यह कदम राज्य के हित में उठाया है.
J&K | Senior Congress Leader & Former Minister RS Chib resigns from Primary membership of Congress soon after the resignation of Ghulam Nabi Azad pic.twitter.com/HPFgfb886W
— ANI (@ANI) August 26, 2022
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मौजूदा हालातों में, कांग्रेस पार्टी ने मेरे राज्य के भविष्य की दिशा में योगदान देने में अपनी गति खो दी है.’
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के जीएम सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम ने भी गुलाम नबी आजाद के समर्थन में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
सलमान खुर्शीद बोले- राहुल के साथ बने रहेंगे
वहीं कांग्रेस के सीनियर नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि हम कहीं नहीं जा सकते लेकिन हम नहीं जाएंगे और पार्टी के साथ रहेंगे. हम पार्टी के साथ इस देश का भविष्य देखते हैं और उम्मीद करते हैं कि पार्टी आगे बढ़ेगी.’
राहुल गांधी हमारे नेता हैं और रहेंगे. राहुल गांधी के साथ हमारा लेन-देन का रिश्ता नहीं है. पार्टी के लिए कुछ करना हमारा फर्ज है. यह परिपक्व होना नहीं है कि जो लोग लंबे समय से पार्टी से जुड़े थे, वे इतनी छोटी सी बात पर इसे छोड़ देते हैं.
गुलाम नबी ने दिया पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को शुक्रवार को एक पत्र भेजकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया.
आजाद ने सोनिया गांधी को अपने पांच पन्नों के लिखे पत्र में कहा, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत के लिए क्या सही है उससे लड़ने के लिए एआईसीसी चलाने वाली मंडली के संरक्षण में इच्छाशक्ति और क्षमता दोनों खो दी है.’
आजाद ने लिखा है, ‘इसलिए यह बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है.’
यह घटनाक्रम आजाद के जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के कुछ ही हफ्तों बाद आया है, जब उन्हें कुछ घंटों पहले नियुक्ति दी गई थी.
सूत्रों के मुताबिक, आजाद ने ‘स्वास्थ्य कारणों’ का हवाला देते हुए अभियान समिति के अध्यक्ष का पद ग्रहण करने से इनकार कर दिया था और जिम्मेदारी के लिए धन्यवाद देते हुए कांग्रेस नेतृत्व को इस बारे में अवगत कराया था.
आजाद की ओर से यह कदम उस समय उठाया गया है जब कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर कांग्रेस नेतृत्व द्वारा फेरबदल के बाद असंतोष की आवाजें उठने लगी थीं.
कांग्रेस के पूर्व विधायक हाजी अब्दुल राशिद डार ने कहा, ‘हम नाखुश हैं क्योंकि जम्मू-कश्मीर पीसीसी प्रमुख पर निर्णय लेने से पहले वरिष्ठ नेताओं ने हमसे सलाह नहीं ली. हमने पीसीसी प्रमुख की हालिया घोषणाओं के विरोध में पार्टी की समन्वय समिति से इस्तीफा दे दिया है. मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.’
यहां उल्लेख करना उचित है, गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं के समूह में से एक हैं जो कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के बारे में मुखर थे और कांग्रेस पार्टी के हर बड़े फैसले के लिए गांधी परिवार पर निर्भर नहीं थे.
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