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Friday, 22 November, 2024
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कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के सभी पदों से दिया इस्तीफा, लीडरशिप पर उठाया सवाल

आजाद ने सोनिया गांधी को अपने पांच पन्नों के लिखे पत्र में कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत के लिए क्या सही है उससे लड़ने के लिए इच्छाशक्ति और क्षमता दोनों खो दी है.

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नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को शुक्रवार को एक पत्र भेजकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया.

आजाद ने सोनिया गांधी को अपने पांच पन्नों के लिखे पत्र में कहा, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत के लिए क्या सही है उससे लड़ने के लिए एआईसीसी चलाने वाली मंडली के संरक्षण में इच्छाशक्ति और क्षमता दोनों खो दी है.’

आजाद ने लिखा है, ‘इसलिए यह बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है.’

कांग्रेस पार्टी से यह नवीनतम हाई-प्रोफाइल का निकलना कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव टालने के बाद आया है. आजाद का इस्तीफा पार्टी से वरिष्ठ नेताओं के बाहर निकलने की एक फेहरिस्त के बाद आया है, जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, जयवीर शेरगिल, जितिन प्रसाद, अन्य शामिल हैं.

यह घटनाक्रम आजाद के जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के कुछ ही हफ्तों बाद आया है, जब उन्हें कुछ घंटों पहले नियुक्ति दी गई थी.

सूत्रों के मुताबिक, आजाद ने ‘स्वास्थ्य कारणों’ का हवाला देते हुए अभियान समिति के अध्यक्ष का पद ग्रहण करने से इनकार कर दिया था और जिम्मेदारी के लिए धन्यवाद देते हुए कांग्रेस नेतृत्व को इस बारे में अवगत कराया था.

आजाद की ओर से यह कदम उस समय उठाया गया है जब कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर कांग्रेस नेतृत्व द्वारा फेरबदल के बाद असंतोष की आवाजें उठने लगी थीं.

कांग्रेस के पूर्व विधायक हाजी अब्दुल राशिद डार ने कहा, ‘हम नाखुश हैं क्योंकि जम्मू-कश्मीर पीसीसी प्रमुख पर निर्णय लेने से पहले वरिष्ठ नेताओं ने हमसे सलाह नहीं ली. हमने पीसीसी प्रमुख की हालिया घोषणाओं के विरोध में पार्टी की समन्वय समिति से इस्तीफा दे दिया है. मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.’

यहां उल्लेख करना उचित है, गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं के समूह में से एक हैं जो कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के बारे में मुखर थे और कांग्रेस पार्टी के हर बड़े फैसले के लिए गांधी परिवार पर निर्भर नहीं थे.

कांग्रेस नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर अफसोस जताया है.

उन्होंने लिखा है, ‘गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पत्र को लेकर मेरे पास कोई शब्द नहीं है. वह पार्टी के विभिन्न पदों पर रहे. किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह इस तरह का पत्र लिखेंगे. उन्होंने इससे पहले सोनिया गांधी को तब पत्र लिखा था जब वह मेडिकल चेकअप के लिए अमेरिका गई थीं.


 

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