नई दिल्ली: भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ का कहना है कि देश में जिस तरह के हालात हैं, भाजपा सरकार को निकाला जाना चाहिए और जो भविष्य उन्हें दिख रहा उसके अनुसार तो ‘2019 के बाद मोदी कहीं चाय बेच रहे होंगे.’
दि प्रिंट से एक बातचीत में उन्होंने कहा कि वे एक सामाजिक मूवमेंट चला रहे हैं जिसका मकसद भाजपा को रोकना है. हालांकि आज़ाद कहते हैं कि समाज में जागरूकता पैदा करके वे अपने इस ध्येय में आगे बढ़ेंगे.
उनका कहना था कि ‘अगर समाज चाहेगा तो भविष्य में वे राजनीति में भी आ सकते हैं पर फिलहाल उनका राजनीति में आने की कोई योजना होगी.’
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से अपने आंदोलन की शुरुआत करने वाले आज़ाद मायावती को अपनी बुआ बताते हैं, हालांकि मायावती कहती हैं कि उनकी आज़ाद से कोई रिश्तेदारी नहीं है. इसपर वे कहते हैं, ‘परिवार में संबंध विच्छेद चलते रहते हैं.’ वे मायावती के खिलाफ कुछ भी कहने को तैयार नहीं – वे कहते हैं, मां ने मना किया है. आज़ाद कहते हैं, ‘बहनजी दलितों की सबसे बड़ी नेता हैं. जब भी उनकी सरकार आई है दलितों को न्याय मिला हैं, उन्होंने अच्छा महसूस किया है. और भाजपा के खिलाफ मुहिम चला कर हम बहनजी के ही हाथ मज़बूत कर रहे हैं.’
हाल की बुलंदशहर की घटना, जिसमें एक पुलिसकर्मी की गोकशी के आरोप लगा रही आक्रोशित भीड़ से गोली चलने से मौत हो गई थी, पर चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि जब बहुजन सरकार आएगी तो जितने भी आतंकवादी संगठन हैं उनपर प्रतिबंध लगाया जाएगा. उन्होंने ‘वीएचपी, बजरंग दल और आरएसएस को आतंकवादी संगठन बताया.’
उन्होंने कहा, ‘बुलंदशहर में लोगों की सुरक्षा करने वाले लोग ही मारे गए. धर्म की राजनीति के नाम पर इंसानों की हत्या की जा रही है. अगर गाय इंसान से बड़ी हो गई तो उसे राष्ट्रीय पशु घोषित कर दीजिए.’
उन्होंने आरोप लगाया कि लोकतंत्र खतरे में है. ‘किसान लाठी उठा रहे हैं, जवान जो देश की सुरक्षा करते हैं, उनका बजट कम कर दिया गया है, सीबीआई विवाद में घिरी हुई है, सुप्रीम कोर्ट के जज कह रहे हैं कि लोकतंत्र खतरे में है. इस सरकार को बाहर करना है. चुनावों में आप देखेंगे कि भाजपा भारी हार देखेगी.’
आज़ाद ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने कभी उनसे संपर्क नहीं किया और उन्हें भी कांग्रेस से बात करने की कभी ज़रूरत महसूस नहीं हुई. वे खुद अपना संगठन मज़बूत कर रहे हैं.
अपने बेबाक अंदाज़ के लिए जाने वाले भीम आर्मी प्रमुख एनएसए के तहत जेल काट चुके हैं और कहते हैं कि ‘ये सरकार मेरा एनकाउंटर भी करा सकती है. मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगा रही है.’
दलितों के उत्थान के लिए काम करने के मकसद से भीम आर्मी का गठन वर्ष 2014 में हुआ था. आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन आर्य के साथ मिलकर चंद्रशेखर आज़ाद रावण ने इसकी नींव रखी थी. इस आर्मी का मकसद है शिक्षा के जरिए दलितों और पिछड़ों का विकास करना. 2017 में शब्बीरपुर हिंसा मामले में उनकी रासुका के तहत गिरफ्तारी हुई थी.