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Friday, 27 December, 2024
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बिलकिस बानो के समर्थन में ओवैसी और राहुल समेत कई विपक्षी नेता, PM मोदी और केंद्र सरकार पर उठाए सवाल

बिलकिस बानो के समर्थन में विपक्ष के कई नेता सामने आ चुके हैं. एआईएमआईएम ने बिल्कीस बानो सामूहिक दुष्कर्म और उसके परिवार के लोगों की हत्या से जुड़े मामले में दोषियों को रिहा करने के आदेश को रद्द करने की मांग केंद्र से की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसे लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला है.

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नई दिल्ली: बिलकिस बानों के गैग रेप में उम्रकैज की सजा काट रहे 11 आरोपियों को 15 अगस्त के दिन रिहा कर दिया गया. इतना ही नहीं जब वे जेल से निकलकर बाहर आए तो उनका स्वागत किया गया. मालाएं पहनाई गईं और मिठाई खिलाई गई. बिलकिस बानो ने इस मामले पर अपना बयान जारी कर कहा, मैंने अपने देश की उच्चतम अदालतों पर भरोसा किया था. मैंने सिस्टम पर भरोसा किया था और मैं धीरे-धीरे अपने दर्द के साथ जीना सीख रही थी. इन आरोपियों की रिहाई ने मेरा सुकून छीन लिया है और न्याय से मेरा भरोसा हिला दिया है.

बिलकिस बानो के समर्थन में विपक्ष के कई नेता सामने आ चुके हैं. एआईएमआईएम ने बिल्कीस बानो सामूहिक दुष्कर्म और उसके परिवार के लोगों की हत्या से जुड़े मामले में दोषियों को रिहा करने के आदेश को रद्द करने की मांग केंद्र से की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसे लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला है.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि दोषियों को रिहा करने का गुजरात सरकार का फैसला केंद्र सरकार के इस दिशानिर्देश के खिलाफ है कि दुष्कर्म के मामलों में शामिल लोगों को 15 अगस्त को रिहा नहीं किया जाना चाहिए.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हम केंद्र से, प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि रिहाई के आदेश को रद्द किया जाए और सभी दोषियों को जेल भेजा जाए.’


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इसके अलावा बीजेपी विधायक का बयान भी विवादों में है. बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की सजा माफ करने वाली सरकारी समिति का हिस्सा रहे भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2002 के गुजरात दंगों के इस मामले में दोषी कुछ लोग ‘ब्राह्मण’ हैं जिनके अच्छे ‘संस्कार’ हैं और यह संभव है कि उनके परिवार की अतीत की गतिविधियों के चलते उन्हें फंसाया गया होगा.

गोधरा से भाजपा विधायक सी. के. राउलजी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि 15 साल से ज्यादा समय बाद जेल से रिहा किये गए दोषी अपराध में शामिल थे या नहीं. बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए सभी 11 दोषियों को 15 अगस्त को गोधरा उप जेल से रिहा कर दिया गया था.

उन्होंने कहा, ‘हमने जेलर से पूछा और पता चला कि जेल में उनका आचरण अच्छा था.… इसके अलावा कुछ दोषी ब्राह्मण हैं. उनके संस्कार अच्छे हैं.’ राउलजी ने कहा कि दोषियों को फंसाया गया हो सकता है.

सोशल मीडिया पर इस पूरे मामले जमकर लोग विरोध कर रहे हैं. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, ‘बिलकिस बानो का मामला इतना भयावह है – जितना मैं इसके बारे में सोचता हूं, उतना ही अधिक दर्दनाक महसूस करता हूं। उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसके परिवार के सदस्यों को मार डाला गया. अब दोषी स्वतंत्र हैं और बलात्कार के लिए उनका स्वागत और जश्न मनाया जा रहा है! यह हौसला बढ़ाने वाला नहीं तो और क्या है? गुजरात सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए!’

टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा ने इस पर कहा, ‘आज बिलकिस बानो है, कल तुम हो सकते हो. चुप रहने वाली सभी महिलाओं से मैं पूछती हूं – क्या यह आपको ट्रिगर नहीं करता है? ढोंगी से किसी प्रकार या उत्पीड़न का सामना करने के बाद, जो सोचते हैं कि वे दूर हो जाएंगे, क्या दोषी अपराधियों को जाने देने के लिए आपकी चुप्पी उनका हौसला नहीं बढ़ाएगी?’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा था, ‘उन्नाव- भाजपा MLA को बचाने का काम, कठुआ- बलात्कारियों के समर्थन में रैली, हाथरस- बलात्कारियों के पक्ष में सरकार, गुजरात- बलात्कारियों की रिहाई और सम्मान! अपराधियों का समर्थन महिलाओं के प्रति भाजपा की ओछी मानसिकता को दर्शाता है. ऐसी राजनीति पर शर्मिंदगी नहीं होती, प्रधानमंत्री जी?’


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