नई दिल्ली : बिहार के मंत्री कार्तिकेय सिंह के अपहरण के एक मामले में गिरफ्तारी से फरार होने के आरोपों को खारिज करते हुए उनके वकील ने बुधवार को कहा कि पुलिस जांच के दौरान राजद नेता के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. उन्होंने कहा कि उन्होंने राहत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
वकील ने कहा, ‘एक झूठी सूचना फैलाई गई है कि कार्तिकेय सिंह अपहरण के एक मामले में फरार है. जिस मामले की बात की जा रही है, उसमें कार्तिकेय सिंह का प्राथमिकी में आरोपी के रूप में उल्लेख नहीं है. प्राथमिकी में उनकी संलिप्तता का उल्लेख नहीं किया गया है. सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत सभी सबूतों के बयान लेते हुए पुलिस ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस मामले में कार्तिकेय की कोई संलिप्तता नहीं है. उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. पुलिस ने उसे निर्दोष बताते हुए अदालत में एक दस्तावेज पेश किया. पुलिस ने जांच की तो, मामला वहीं खत्म हो गया है.’
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है और ‘पुलिस ने उन्हें निर्दोष साबित किया था.’
उन्होंने कहा, ‘अदालत ने मामले का संज्ञान लिया. हमने उच्च न्यायालय में संज्ञान के खिलाफ एक याचिका दायर की. हम उच्च न्यायालय के अवलोकन से संतुष्ट हैं कि उसने हमें अदालत के सामने तथ्यों को रखने के लिए कहा जिसने मामले का संज्ञान लिया. एक व्यक्ति केवल उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से दोषी साबित नहीं होता है. हमने अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की है.
विशेष रूप से, राजद नेता कार्तिकेय सिंह, जो अब बिहार कैबिनेट में मंत्री हैं, को 12 अगस्त को अदालत ने 1 सितंबर तक अंतरिम जमानत दी थी.
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी ने सिंह को शामिल किए जाने पर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की खिंचाई की और मंत्री को तत्काल आधार पर बर्खास्त करने की मांग की.
इस कदम को ‘जंगल राज’ की शुरुआत बताते हुए, केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि उन्हें इस क्षेत्र की स्थिति पर शर्म आती है. मैं बिहार से हूं और जो हो रहा है उससे मैं शर्मिंदा हूं. जंगल राज शुरू हो गया है. कानून मंत्री खुद फरार है, वह भी अपहरण के मामले में. वह अनंत सिंह का दाहिना हाथ है, जो एक डॉन है. क्या सीएम नहीं जानते हैं? कार्तिकेय सिंह को बर्खास्त किया जाना चाहिए.’
इसके अलावा, भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सिंह को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए.
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा, ‘अगर कार्तिकेय सिंह (राजद) के खिलाफ वारंट था, तो उन्हें आत्मसमर्पण करना चाहिए था. लेकिन उन्होंने कानून मंत्री के रूप में शपथ ली है. मैं नीतीश से पूछता हूं, क्या वह बिहार को लालू के समय में वापस ले जाने की कोशिश कर रहे हैं? कार्तिकेय सिंह को तुरंत बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए.’
भाजपा नेताओं ने इस मामले में पटना उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप का भी सुझाव दिया.
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि पटना हाई कोर्ट इस पर गंभीरता से ध्यान देगा. मुझे उम्मीद है कि सीएम नीतीश कुमार कुछ साहस दिखाएंगे. कार्तिकेय सिंह को बर्खास्त किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले कहा था कि उन्हें इस मुद्दे पर कोई जानकारी नहीं है.
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