नई दिल्ली: बिहार में मंगलवार को राज्य की नई सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ जिसमें कुल 31 विधायकों ने शपथ ली थी, इनमें राजद के 16, जदयू के 11, कांग्रेस के दो तथा एक निर्दलीय MLA शामिल थे. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में है बिहार के कानून मंत्री. कार्तिकेय सिंह पर गंभीर आपराधिक मामले जैसे- चोरी, अपहरण, दंगे, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शामिल है. हालांकि नीतीश कुमार ने इस पूरे वाकये पर कहा है कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है.
कार्तिकेय सिंह इस साल अप्रैल में पटना से राजद के टिकट पर एमएलसी चुने गए थे. उन्हें डॉन से नेता बने अनंत सिंह का करीबी माना जाता है, जो अवैध आग्नेयास्त्रों और गोला-बारूद की बरामदगी से जुड़े दो मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल में बंद है.
कार्तिक कुमार ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार भी किया है कि वह अनंत के करीबी है.
बताया गया है कि जैसे ही कार्तिकेय सिंह ने कानून मंत्री के पद की शपथ ली वैसे ही सदन के बाहर छोटे सरकार जिंदाबाद के नारे गूंजने लगे. अनंत सिंह को छोटे सरकार के नाम से भी जाना जाता है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि कार्तिकेय के खिलाफ कोर्ट से किडनैपिंग के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है. सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि जिस तारीख को उन्हें कोर्ट में पेश होना था उस दिन वो शपथ ले रहे थे.
क्या था मामला?
साल 2014 में राजीव रंजन का अपहरण किया गया था जिसका संज्ञान कोर्ट ने लिया था. इस मामले में बिहार के कानून मंत्री पर भी आरोपी होने का दावा किया गया है. कार्तिकेय सिंह ने इस मामले में अभी तक ना तो अदालत के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. बल्कि जिस दिन ये शपथ ले रहे थे तभी इनके लिए वारंट जारी किया गया था.
कार्तिकेय ने विधान परिषद चुनावों में जेडीयू के उम्मीदवार को हराया था जिसके बाद वह आरजेडी के विधान परिषद बने. कार्तिकेय मोकामा के रहने वाले हैं और वह एक टीचर भी रह चुके हैं. इसीलिए अनंत सिंह इन्हें मास्टर साहब कहते हैं.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कार्तिकेय सिंह के बारे में बात करते हुए एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा, ‘जिस कार्तिकेय सिंह को मंत्री बनाया गया है, वह अनंत सिंह का दाहिना हाथ है. अनंत सिंह सजायाफ्ता हैं, जेल में बंद है. उनकी विधायकी हाल ही में समाप्त हुई है. कार्तिकेय किडनैपिंग के मामले में फरार हैं.
सुशील मोदी ने कहा, ’16 अगस्त को इनको सरेंडर करना था. इस दिन सरेंडर करने के बजाय कार्तिकेय मंत्री पद की शपथ लेने चले गए. क्या यह नीतीश जी को मालूम नहीं है. मुख्यमंत्री जब किसी को मंत्री पद की शपथ दिलाता है तो वह पूरा पुलिस वेरिफिकेशन कराता है. कौन से मुकदमे हैं, क्या मुकदमे हैं. नीतीश जी तो बाढ़ मोकामा इलाके से ही आते हैं, तो क्या उनको नहीं मालूम है कि कौन आदमी क्या है. ऐसे वक्ति को मंत्री बनाया, वह भी कानून मंत्री.’
इसके अलावा कैबिनेट में और भी कई मंत्री हैं जिन पर कई मामले दर्ज हैं. राजद सुप्रीमो लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को बिहार का डिप्टी सीएम चुना गया है, उनका नाम भी IRCTC घोटाले में आ चुका है. इसके अलावा उन पर 11 मामले दर्ज है, जिनमें से 7 आपराधिक मामले हैं. इनमें मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी के केस शामिल हैं. बि
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