नयी दिल्ली,15 अगस्त (भाषा) महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महिलाओं के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर प्रश्न किया। दरअसल प्रधानमंत्री ने देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में ‘नारी शक्ति’ की सराहना की थी।
प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा कि भारत की तरक्की के लिए महिलाओं का सम्मान एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और उन्होंने ‘नारी शक्ति’ का समर्थन करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘हमारे आचरण में विकृति आ गयी है और हम कभी-कभी महिलाओं का अपमान करते हैं। क्या हम अपने व्यवहार और मूल्यों में इससे छुटकारा पाने का संकल्प ले सकते हैं।’’
इस पर महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री से महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के क्रिन्यावयन पर प्रश्न किया।
सामाजिक कार्यकर्ता और साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी देने की दिशा में काम करने वाले गैर-लाभकारी संगठन ‘आकांक्षा श्रीवास्तव फाउंडेशन’ की संस्थापक आकांक्षा श्रीवास्तव ने कहा कि पहला और अहम मुद्दा है महिला सुरक्षा और शिक्षा।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा,‘‘लड़कियों के लिए शिक्षा तक पहुंच में बहुत असमानता है,तो देखना चाहती हूं कि इस संबंध में नीतियों में क्या बदलाव है। कई ऐसे कस्बे हैं जहां लड़कियों के लिए स्कूलों में शौचालय नहीं हैं क्योंकि ऐसी मानसिकता है कि लड़कियां अपनी शिक्षा को गंभीरता से नहीं लेती।’’
आकांक्षा प्रश्न करती हैं कि निर्भया कोष के जरिए जो सुरक्षा कदम उठाए जाने थे,वे कहां हैं।
‘ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव विमेन्स असोसिएशन’की सदस्य कविता कृष्णन ने कहा कि जब एक निर्वाचित प्रतिनिधि रोजमर्रा की जिंदगी में ‘महिलाओं के प्रति मानसिकता बदलने’ की आवश्यकता की बात करता है,तो हमेशा उसका स्वागत किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि इस प्रकार के ‘सुझाव’बहुत आम होते हैं, इनमें कोई विशेष बात नहीं होती…..।’’
‘पीपुल अगेंस्ट रेप इन इंडिया’ की प्रमुख योगिता भयाना कहती हैं ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पर भी लाल किले की प्राचीर से बात की गई थी लेकिन ‘‘हम हर रोज महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के बारे में सुनते हैं।’’
भाषा
शोभना नरेश
नरेश
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