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Sunday, 3 November, 2024
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स्वतंत्रता दिवस के विज्ञापन से कर्नाटक की BJP सरकार ने नेहरू की तस्वीर हटाई

2 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों से अपील की थी कि वे डिस्पले पिक्चर में तिरंगा लगाएं.

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नई दिल्ली: भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कर्नाटक सरकार द्वारा निकाले गए विज्ञापन से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम हटाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद जयराम रमेश ने कर्नाटक की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘नेहरू इस तंगदिली को भी झेल जाएंगे.’ कर्नाटक सरकार के विज्ञापन में महात्मा गांधी, मौलाना आजाद, सुभाष चंद्र बोस समेत अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को शामिल किया गया है लेकिन नेहरू के नाम को छांट दिया गया.

कांग्रेस के अन्य कई नेताओं ने भी कर्नाटक सरकार के इस विज्ञापन पर विरोध जताया, जो कि कई अखबारों में छपा है. गौरतलब है कि नेहरू के नाम को तो हटाया ही गया है वहीं सावरकर को शामिल कर ‘क्रांतिकारी सावरकर’ लिखा गया है.

विज्ञापन में लिखा है, ‘विनायक दामोदर सावरकर की कई किताबों में क्रांति के माध्यम से संपूर्ण आजादी की बात कही गई है. वे अंडमान निकोबार की जेल में रहे जहां उन्हें उत्पीड़न झेलना पड़ा.’

जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ‘नेहरू इस तंगदिली को भी झेल जाएंगे.’

सरकार का बचाव करते हुए भाजपा नेता मोहन कृष्णा ने कहा, ‘उनकी तस्वीर महात्मा गांधी, रानी लक्ष्मी बाई और अन्य नेताओं के साथ स्केच रूप में है. विपक्ष लोगों को ऐसी चीज दिखाने की कोशिश कर रहा है जो कि सच नहीं है.’

कर्नाटक सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग द्वारा हर घर तिरंगा अभियान के तहत पूरे पन्ने का विज्ञापन निकाला गया है. विज्ञापन में लिखा गया है, ‘भारत की आजादी का इतिहास लाखों भारतीयों के बलिदानों से भरा है. आज जब हम भारत का 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं तो हमें उन्हें याद करना चाहिए.’

बता दें कि 2 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों से अपील की थी कि वे डिस्पले पिक्चर में तिरंगा लगाएं. इसके जवाब में कांग्रेस और उसके कई नेताओं ने जवाहरलाल नेहरू के हाथों में तिरंगे वाली तस्वीर को अपनी डिस्पले पिक्चर में लगाया. जिसपर भाजपा ने निशाना साधा.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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