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Friday, 22 November, 2024
होमदेश'बिना झंडे वाले घरों पर भरोसा नहीं करेगा देश'- टिप्पणी की आलोचना के बावजूद अड़े उत्तराखंड BJP प्रमुख

‘बिना झंडे वाले घरों पर भरोसा नहीं करेगा देश’- टिप्पणी की आलोचना के बावजूद अड़े उत्तराखंड BJP प्रमुख

कांग्रेस, आप ने उत्तराखंड भाजपा प्रमुख महेंद्र भट्ट के उस बयान की निंदा की है जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर देशभक्ति की तुलना झंडा फहराने से की है, कहा बीजेपी ने झंडे को एक वस्तु बना दिया है.

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देहरादून: उत्तराखंड में नवनियुक्त भारतीय जनात पार्टी (बीजेपी) प्रमुख महेंद्र भट्ट, जिन्होंने बुधवार को कहा था कि वे लोग जो स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे को अपने घरों पर नहीं फहराते, ‘देश का भरोसा खो देंगे.’

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से उन घरों की तस्वीरें भेजने को कहा है जो ‘राष्ट्र विरोधी’ और ‘राष्ट्रवादियों’ के बीच फर्क जताने के लिए 13 से 15 अगस्त के बीच झंडा नहीं फहराते.

ये बयान भट्ट ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में पार्टी की ‘तिरंगा यात्रा’ जुलूस की शुरुआत में दिए. उन्होंने कहा, ‘यह किसी की देशभक्ति व्यक्त करने का समय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आह्ववान किया है कि 15 अगस्त को कोई भी घर बिना तिरंगे का नहीं रहना चाहिए. तिरंगा यात्रा का उद्देश्य नई पीढ़ी में राष्ट्रवाद का संदेश देना और राष्ट्र विरोधी ताकतों के प्रति सतर्क रहना है.’

भट्ट के इन शब्दों की विपक्ष ने तीखी आलोचना की है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) दोनों ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि भाजपा लोगों को ‘धमकी’ देने की कोशिश कर रही है.

हालांकि, दिप्रिंट से बात करते हुए, भट्ट ने अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा: ‘मैंने कुछ भी विवादास्पद नहीं कहा. यह कहने में क्या गलत है कि देश उन लोगों पर भरोसा नहीं करेगा जो अपने घरों पर तिरंगा नहीं फहराएंगे? स्वतंत्रता दिवस पर अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज नहीं लगाने वालों की देशभक्ति संदिग्ध होगी.’

उन्होंने कहा कि झंडा फहराना ‘भारत के खिलाफ भीतर से साजिश रचने वाले अलगाववादियों और राष्ट्र विरोधी ताकतों के मुंह पर तमाचा’ के रूप में काम करेगा और ‘दुनिया के अन्य हिस्सों में देश की गलत तस्वीर पेश करने वालों’ के खिलाफ होगा.

भट्ट ने कहा, ‘देश की 75वीं वर्षगांठ को ‘अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाना हमारे राष्ट्रवाद की भावना की अभिव्यक्ति है और हमें ऐसा करना चाहिए.’

उन्होंने दिप्रिंट से इस बात की पुष्टि भी की कि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से बिना तिरंगे वाले घरों की तस्वीरें भेजने के लिए कहा है.

दिप्रिंट से बात करते हुए, कांग्रेसी और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता यशपाल आर्य ने कहा, ‘लोगों की देशभक्ति पर सवाल उठाने वालों की स्वतंत्रता आंदोलन में कोई भूमिका नहीं थी. उन्हें पता होना चाहिए कि भारत के स्वतंत्रता सेनानी और सुधारवादी हर धर्म और जाति से आए हैं. भाजपा अध्यक्ष को ऐसे समय में विभाजनकारी राजनीति करना बंद कर देना चाहिए जब पूरा देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है.


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‘देशभक्ति का आकलन करने का सस्ता तरीका’

भट्ट ने दिप्रिंट को यह भी बताया कि वह यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि क्या कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता अपने घरों पर तिरंगा फहराएंगे.

भट्ट ने कहा, कांग्रेस ने अमृत महोत्सव मनाने के लिए अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की है. अगर वे ‘हर घर तिरंगा’ यात्रा में शामिल नहीं होते हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वे तिरंगा फहराने के लिए बाध्य हैं, कोई विकल्प नहीं है.’

कांग्रेस ने अपनी ओर से भट्ट के बयान की निंदा की और कहा कि यह किसी की देशभक्ति को आंकने का तरीका नहीं है.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव हरीश रावत ने कहा, ‘यह किसी की देशभक्ति का आकलन करने का एक सस्ता तरीका है. यह अपने राष्ट्र के प्रति लोगों की वफादारी जांचने का एक बैरोमीटर कैसे हो सकता है?

दिप्रिंट से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘भाजपा प्रमुख को अपने आस-पास और पीछे जाकर देखना चाहिए. उन्हें अपने आस-पास ऐसे कई चेहरे मिलेंगे जिन्होंने कभी तिरंगे का सम्मान नहीं किया और 50 वर्षों तक इसे नहीं फहराया.’

कांग्रेस विधायक और पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के प्रमुख प्रीतम सिंह ने भट्ट और भाजपा को ‘सबसे बड़ा देशद्रोही’ कहा.

उन्होंने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा, ‘वह उत्तराखंड के लोगों को प्रमाण पत्र जारी करने की कोशिश कर रहे हैं. भट्ट और भाजपा का एक ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) निकले हैं जो अंग्रेजों के साथ खड़े थे और 50 से अधिक वर्षों तक कभी झंडा नहीं फहराया. तिरंगा हर भारतीय के दिल में है.’

आप ने आरोप लगाया है कि भट्ट का बयान लोगों और विपक्ष ‘धमकाने’ की कोशिश है.

आप के राज्य के संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने कहा, ‘यह नवनियुक्त सत्ताधारी पार्टी के प्रमुख के सत्ता के अहंकार को दिखाता है. महेंद्र भट्ट उत्तराखंड के लोगों को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे हैं. यह स्वीकार्य नहीं है. भाजपा ने राष्ट्रीय ध्वज को एक वस्तु बना लिया है और अब देशभक्ति की आड़ में लोगों को इसे खरीदने के लिए मजबूर कर रही है. उन्हें राष्ट्रीय झंडे को खरीदने के लिए मजबूर करने के बजाय आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बीच मुफ्त में बांटना चाहिए था. भारत का एक बड़ा वर्ग अभी भी अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ है.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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