मुंबई, 11 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल में अंतरिम वेतनवृद्धि से राज्य में चाय बागानों के मार्जिन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। उत्तर भारत के चाय उत्पादन में इन बागानों का हिस्सा 37 प्रतिशत है। बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
इक्रा ने एक रिपोर्ट में कहा कि हालांकि गुणवत्ता वाली चाय के उत्पादकों के लिए प्रभाव कम होगा, क्योंकि उनकी प्राप्तियां अधिक रहती हैं।
पश्चिम बंगाल में चाय बागान श्रमिकों के लिए प्रतिदिन कुल मजदूरी दर (बोनस, अन्य नकद घटकों और लाभों सहित) एक जनवरी, 2022 से 12 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है। यह वृद्धि राज्य के श्रम विभाग द्वारा एक घोषणा के बाद की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घोषणा में अंतरिम आधार पर मूल वेतन को 202 रुपये प्रति दिन से 15 प्रतिशत बढ़ाकर 232 रुपये प्रति दिन करने का प्रस्ताव किया गया था।
इक्रा के अनुमान के अनुसार, वेतनवृद्धि से उत्पादन लागत में 16 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि होगी और पश्चिम बंगाल में चाय बागानों के मार्जिन पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
पश्चिम बंगाल में वर्तमान मूल वेतन दर असम में 205 रुपये प्रतिदिन की तुलना में 232 रुपये प्रतिदिन है। इस अंतर की वजह से जल्द असम में भी वेतन दरों में संशाधन की संभावना है।
असम थोक चाय का प्रमुख उत्पादक है, जो उत्तर भारत के उत्पादन का 60 प्रतिशत और अखिल भारतीय चाय उत्पादन का 50 प्रतिशत योगदान देता है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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