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Saturday, 16 November, 2024
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सीमा शुल्क विभाग से विदेशी यात्रियों की जानकारी साझा करने से ‘जांच-परख’ क्षमता बढ़ेगी

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नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) एयरलाइंस द्वारा विदेशी यात्रियों के पीएनआर विवरण को सीमा शुल्क विभाग के साथ अनिवार्य रूप से साझा करने के नियम का मकसद अधिकारियों की जांच-परख क्षमता को बढ़ाना है।

वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह सफाई दी। मंत्रालय ने साथ ही कहा कि इससे यात्रियों के जोखिम विश्लेषण में भी मदद मिलेगी।

इससे पहले सरकार ने विमानन कंपनियों से उड़ानों के प्रस्थान से 24 घंटे पहले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के संपर्क, पीएनआर विवरण और भुगतान से जुड़ी जानकारी सीमा-शुल्क अधिकारियों के साथ साझा करने को कहा था।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सोमवार को ‘यात्री नाम रिकॉर्ड सूचना विनियम, 2022’ को अधिसूचित करते हुए विमानन कंपनियों को अनिवार्य रूप से इसका अनुपालन करने को कहा था।

इस विनियम का उद्देश्य यात्रियों का ‘‘जोखिम विश्लेषण’’ करना है ताकि आर्थिक और अन्य अपराधियों को देश छोड़कर भागने से रोका जा सके। इसके साथ ही इस प्रावधान से तस्करी जैसे किसी भी अवैध गतिविधियों की जांच करने में मदद मिलेगी।

मंत्रालय ने कहा कि हालांकि नियमों में शामिल कुछ डेटा तत्व अन्य स्रोतों से भी उपलब्ध हैं, लेकिन इन नियमों का उद्देश्य यात्रियों के आगमन या प्रस्थान से पहले इस डेटा को हासिल करना है।

इस विनियमन के साथ भारत 60 अन्य देशों में शामिल हो गया है जो अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के पीएनआर विवरण जमा करते हैं।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘नियम गोपनीयता संबंधी जरूरतों और सुरक्षा की अनिवार्यता के बीच एक अच्छा संतुलन बनाते हैं।’’

इन नियमों का पालन नहीं करने के प्रत्येक मामले में विमान परिचालक को न्यूनतम 25,000 रुपये और अधिकतम 50,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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