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Monday, 30 December, 2024
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‘BJD के प्रति नरम रुख नहीं’-अमित शाह ने ओडिशा के लिए तय किया 2024 का रोडमैप

भाजपा ओडिशा में बीजेडी को हटाने के प्रयास नए सिरे से शुरू करने की तैयारी में है. मोदी सरकार के साथ सीएम नवीन पटनायक के समीकरण के कारण पार्टी अब तक ओडिशा को खास प्राथमिकता नहीं देती रही है.

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नई दिल्ली: ओडिशा में आमतौर पर कम आक्रामकता तेवर अपनाने वाली बीजेपी 2024 के विधानसभा चुनावों में नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजू जनता दल (बीजेडी) सरकार को हटाने के अपने प्रयासों को नए सिरे से शुरू करने की तैयारी में है.

बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि इस हफ्ते ओडिशा की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान पार्टी के मुख्य रणनीतिकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी नेताओं से कहा, ‘बीजेडी के प्रति कोई नरम रुख नहीं रखना है और पार्टी कैडर को स्पष्ट संदेश भेजा गया है.’

पदाधिकारी के मुताबिक, शाह ने कहा कि बीजेपी जल्द ही ओडिशा में सरकार बनाएगी.

पार्टी सूत्रों ने कहा कि शाह ने इस बात को रेखांकित किया कि बीजेपी अन्य गैर-हिंदी भाषी राज्यों में सरकार बना चुकी है और इसी तरह वह ओडिशा में भी सरकार बनाएगी.

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने शाह के हवाले से कहा, ‘गुजरात एक गैर-हिंदी भाषी राज्य है और बीजेपी वहां सत्ता में रही है. यह कर्नाटक और अब महाराष्ट्र में भी सत्ता में है. पार्टी जल्द ही ओडिशा पर भी शासन करेगी.’ उन्होंने यह टिप्पणी ओडिशा में ‘मोदी@20 : ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ नाम की किताब के ओडिया अनुवाद के विमोचन के मौके पर आयोजित समारोह के दौरान की, जो कि गुजरात के सीएम पद से लेकर प्रधानमंत्री पद तक नरेंद्र मोदी की यात्रा के बारे में है.

बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी के मुताबिक, शाह ने राज्य कैडर से कड़ी मेहनत करने और 2024 के लिए ठोस रणनीति बनाने को कहा है.

सारंगी ने कहा, ‘हमें बूथ-स्तरीय समितियों को मजबूत करने के लिए कहा गया है और अमित शाह जी ने इस बात पर जोर दिया है कि अगर बीजेपी अन्य राज्यों में सरकार बना सकती है, तो ओडिशा में क्यों नहीं?’


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ओडिशा के लिए रोड मैप तैयार

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, पटनायक और मोदी सरकार के बीच समीकरणों को देखते हुए पार्टी ने अब तक ओडिशा में अपनी सरकार बनाने को कभी कोई खास प्राथमिकता नहीं दी क्योंकि इन संबंधों को काफी हद तक मैत्रीपूर्ण माना जाता रहा है.

बीजेडी संसद में अधिकांश विधेयकों पर बीजेपी-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का समर्थन करती रही है. राज्य बीजेपी के नेताओं ने दिप्रिंट को बताया कि इसके अलावा ओडिशा के लिए पार्टी के रोड मैप के बारे में नेताओं के बीच निश्चित तौर पर एक ‘अस्पष्टता’ बनी हुई थी, जो शाह की यात्रा के साथ स्पष्ट हो गई है.

2019 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने ओडिशा में अपनी राजनीतिक गतिविधियों को तेज कर दिया था और 147 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस की 9 सीटों की तुलना में 23 सीटें हासिल कर वह उसे मुख्य विपक्षी दल की स्थिति से हटाने में कामयाब रही थी. बीजेडी ने 112 सीटों पर सफलता हासिल की थी.

हालांकि, बीजेडी के लिए एक चुनौती के तौर पर उभरने की बीजेपी की कोशिश ने मोदी के साथ पटनायक के समीकरणों को कभी प्रभावित नहीं किया.

2019 के चुनावों के बाद, पटनायक को निशाना बनाने या बीजेडी सरकार के खिलाफ कोई आंदोलन शुरू करने से परहेज करते हुए बीजेपी राज्य में शांत बनी हुई थी. इसका नतीजा यह रहा कि नगर निकाय चुनाव में उसे झटका लगा.

राज्य में पार्टी के विधायकों को अब उन विधानसभा क्षेत्रों पर खास ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है जहां पर पिछली बार बीजेपी जीत नहीं पाई थी.

दूसरे वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, ‘उन्होंने विधायकों और सांसदों को बूथ स्तर पर जनता से जुड़ने के लिए कम से कम तीन विधानसभा क्षेत्रों और दो लोकसभा क्षेत्रों का जिम्मा संभालने को कहा है.’

शाह ने मार्च में संपन्न पंचायत चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर भी चिंता जताई और कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर काम करने को कहा.

852 जिला परिषद क्षेत्र चुनावों में बीजेडी ने 766 सीटें, बीजेपी ने 42 और कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत हासिल की.

पार्टी नेता ने कहा, ‘उन्हें चिंता थी कि हमारी सीटें काफी कम हो गई हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि हमारे वोटशेयर में ज्याद गिरावट नहीं आई है. यह हमारे शीर्ष स्तर यानी 34 प्रतिशत से घटकर 31 प्रतिशत हो गया है. यह दर्शाता है कि हमें अभी भी लोगों का समर्थन हासिल है. कांग्रेस लगातार नीचे जा रही है. उन्होंने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने को कहा.’

राज्य के बीजेपी नेता ने दिप्रिंट को बताया कि शाह ने 2024 के लिए 120 सीटों का लक्ष्य रखा है.

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा ने कहा, ‘अमित शाह जी और जेपी नड्डा जी के नेतृत्व में बीजेपी राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है और जल्द ही सरकार बनाने की ओर अग्रसर है.’

अन्य राज्यों को मिले निर्देशों की ही तर्ज पर ओडिशा में राज्य इकाई को भी कहा गया है कि द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति पद पर पहुंचने को उनके उत्थान के रूप में प्रचारित किया जाए. पांडा ने कहा, ‘तथ्य यह है कि वह राज्य से संबंधित है और पार्टी पदाधिकारी से आगे बढ़ते हुए राष्ट्रपति पद तक पहुंची है, और इस बात को बीजेपी द्वारा जनता के बीच पहुंचाना जरूरी है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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