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Friday, 15 November, 2024
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विदेशी बाजारों में तेजी से तेल-तिलहनों के भाव में सुधार

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नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच सोमवार को दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मूंगफली तेल-तिलहन को छोड़कर लगभग सभी खाद्य तेल-तिलहनों के भाव पर्याप्त सुधार दर्शाते बंद हुए।

बाजार के जानकार सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में पांच प्रतिशत की तेजी रही जबकि शिकॉगो एक्सचेंज 1.5 प्रतिशत मजबूत हुआ।

सूत्रों ने बताया कि एक से 10 सितंबर के बीच के आगे के खाद्य तेलों के सौदों में आयातित तेलों के दाम अपने मौजूदा भाव से भी सस्ता बैठने की संभावना है। इन आयातित तेलों के भाव पहले ही दो-ढाई महीने पूर्व के भाव के मुकाबले आधे रह गये हैं और आगे की सीपीओ और पामोलीन खेपों के भाव, और 16 रुपये प्रति किलो सस्ता होने के आसार हैं। सूरजमुखी तेल के आगे के सौदे भी मौजूदा भाव से 20-25 रुपये प्रति किलो सस्ता होने की पूरी संभावना है। उदाहरण के बतौर लगभग दो-ढाई माह पूर्व सीपीओ के आयात का भाव लगभग 2,050-2,060 डॉलर प्रति टन हुआ करता था जो मौजूदा समय में भारी गिरावट के साथ लगभग 1,100 डॉलर प्रति टन रह गया हैं।

सूत्रों ने कहा कि अब ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि हमारे देशी तेल-तिलहन की आगामी फसल इन सस्ते तेलों से कैसे मुकाबला करेगी। अगर अपने देश को तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है तो हमें देशी किसानों के फायदे को ध्यान में रखना ही होगा।

सूत्रों ने कहा कि लगभग तीन माह पूर्व इंडोनेशिया के खाद्य तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद आयातित तेल के दाम आसमान छू रहे थे तब देशी तेल-तिलहनों (सरसों और मूंगफली) ने ही स्थिति को संभालने में मदद की थी जिनके पिछली बार दाम अच्छे मिलने से पैदावार बढ़ गई थी। सरकार की ओर से तेल-तिलहन की कमी को पूरा करने और कीमतों पर नियंत्रण करने के प्रयासों के तहत आयात शुल्क में कमी की गई, और अब आयातित खाद्य तेलों के दाम आधे भी रह गये हैं, ऐसे में देशी तिलहन उत्पादकों के हित में भी कदम उठाने की आवश्यकता है।

सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में तेजी का असर सिर्फ सोयाबीन तेल पर देखने को मिला जबकि सीपीओ, पामोलीन, बिनौला, सरसों जैसे बाकी तेल-तिलहनों के दाम अल्पावधिक हाजिर मांग के कारण सुधरे हैं।

सूत्रों ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले सरसों तेल का भाव लगभग 30 रुपये लीटर सस्ता है।

सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,240-7,290 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,870 – 6,995 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,000 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,670 – 2,860 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,310-2,390 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,340-2,455 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,100 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,270 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,150 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,300 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 6,375-6,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 6,150- 6,225 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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