नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) अप्रत्यक्ष कर विभाग को जीएसटी व्यवस्था के तहत ‘ट्रांजिशनल क्रेडिट’ (जीएसटी से पहले के क्रेडिट) के दावों का सत्यापन पूरा करना चाहिए। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सोमवार को यह सिफारिश की।
करदाताओं को एक जुलाई, 2017 से जीएसटी में शामिल होने के तहत फॉर्म ट्रान-1 दाखिल करने और जीएसटी से पहले की व्यवस्था के तहत अंतिम रिटर्न में घोषित क्रेडिट के समापन शेष के आधार पर टैक्स क्रेडिट हासिल करने की अनुमति दी गई थी।
सोमवार को संसद में पेश की गई अनुपालन लेखांकन रिपोर्ट में कैग ने कहा कि ऑडिट समीक्षा में करदाताओं के टांजिशनल क्रेडिट दावों में उल्लेखनीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 2018-19 में शीर्ष 50,000 मामलों की पहचान की थी, जिन्होंने सत्यापन के लिए अधिकतम ट्रांजिशनल क्रेडिट का दावा किया था। हालांकि, यह कवायद अभी तक पूरी नहीं हुई है और विभाग को फिलहाल 8,849 मामलों का सत्यापन करना था।
कैग ने कहा, ‘‘अनियमितताओं के जिन मामलों के बारे में पता चला, उनकी वसूली की दर कम थी। विभिन्न क्षेत्राधिकार संबंधी मुद्दे और कुछ क्षेत्रों में केंद्रीय कर क्षेत्राधिकार में समन्वय की कमी ने सत्यापन और वसूली कार्रवाई शुरू करने में बाधा पैदा की।’’
कैग ने ऑडिट में कर योग्य मूल्य और घोषित कर देयता के बीच महत्वपूर्ण विसंगतियां भी पाईं।
भाषा पाण्डेय अजय
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