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Friday, 15 November, 2024
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विद्युत विधेयक में उपभोक्ताओं को विकल्प देने का दावा भ्रामक : एआईपीईएफ

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नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) बिजली क्षेत्र में काम करने वाले इंजीनियरों के संगठन एआईपीईएफ ने कहा है कि विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2022 में बिजली उपभोक्ताओं को अनेक सेवा प्रदाताओं का विकल्प देने का दावा ‘‘भ्रामक’’ है और इससे सरकारी स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) घाटे में आ जाएंगी।

विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2022 लोकसभा में सोमवार को पेश किया जा सकता है।

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि इस विधेयक को सभी हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाए।

दुबे ने विविध वितरण लाइसेंस के नाम पर उपभोक्ताओं को मोबाइल फोन सिम कार्ड की तरह विकल्प दिए जाने के सरकार के दावे के बारे में पूछे जाने पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह दावा भ्रामक है। विधेयक के मुताबिक केवल सरकारी डिस्कॉम का ही सार्वभौमिक ऊर्जा आपूर्ति का दायित्व होगा इसलिए निजी कंपनियां लाभ प्रदान करने वाले क्षेत्रों मसलन औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ही बिजली आपूर्ति करना चाहेंगी।’

उन्होंने कहा कि इस तरह लाभ प्रदान करने वाले क्षेत्र सरकारी डिस्कॉम के हाथों से चले जाएंगे और ये घाटे वाली कंपनियों में बदल जाएंगी। उन्होंने यह आशंका भी जताई कि सरकारी डिस्कॉम नेटवर्क निजी लाइसेंसधारकों को सस्ते दामों में दे दिए जाएंगे।

भाषा मानसी प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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