कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में विनेश फोगाट ने भारत की झोली में 11वां गोल्ड मेडल डाला है. इस मेडल के लिए फोगाट ने फाइनल में श्रीलंका की पहलवान को हराया है. कॉमनवेल्थ गेम्स के 22वें एडिशन में भारत का यह 33वां मेडल है. विनेश फोगाट का कॉमनवेल्थ गेम्स में यह लगातार तीसरा गोल्ड मेडल है. इससे पहले फोगाट को फोगाट ने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 KG वेट कैटेगरी और 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में 50 KG वेट कैटेगरी में भी गोल्ड मेडल जीता था.
विनेश फोगाट कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार तीन गोल्ड मेडल लाने वाली पहली महिला पहलवान बन गई हैं.
Define Total Domination?
2014 – ?
2018 – ?
2022 – ?@Phogat_Vinesh becomes the first Indian female wrestler to win three consecutive Gold Medals at CWG.She did it this year without conceding a single point. #EkIndiaTeamIndia | #B2022 pic.twitter.com/J25PBWMdeo
— Team India (@WeAreTeamIndia) August 6, 2022
कौन है विनेश फोगाट
विनेश फोगट भारत के सबसे प्रतिष्ठित कुश्ती परिवारों में से आती हैं, पहलवान बनने के लिए अपने चचेरे भाई गीता और बबीता फोगट के नक्शेकदम पर चलते हुए उन्होंने खूब मेहनत की है. उनके चाचा महावीर सिंह फोगट ने उन्हें कम उम्र में इस खेल से परिचित कराया था, जिसके बाद से इस खेल के लिए उनकी दीवानगी लगातार बढ़ती रही.
विनेश का जन्म 24 अगस्त 1994 को हुआ था और वह 28 साल की हैं. उनका पालन-पोषण हरियाणा के चरखी दादरी जिले के बलाली गांव में हुआ. विनेश ने कम उम्र में कुश्ती शुरू कर दी थी, जबकि उनकी चचेरी बहन गीता राष्ट्रीय मंच पर खुद को स्थापित कर रही थी. विनेश ने पुरुष-प्रधान खेल के रूप में कुश्ती की सामाजिक रूढ़ियों से संघर्ष किया है. विनेश के चाचा, महावीर सिंह फोगट ने उनके जूनियर करियर में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए उनकी मदद की और उन्हें प्रशिक्षित किया.
विनेश ने भी बचपन में अपनी कजिन को कुश्ती करते देखा और खुद भी महावीर फोगाट को गुरु बना लिया.
अपने जूनियर करियर में कई मेडलों के बाद, फोगट ने 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में अपना पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीता. विनेश ने उसी वर्ष दक्षिण कोरिया के इंचियोन में एशियाई खेलों में महिला फ्रीस्टाइल 48 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था. विनेश ने 2016 ओलंपिक में पदक जीतने में नाकाम रहने के बाद वापसी की, 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों दोनों में स्वर्ण पदक जीते. 2019 में, उन्होंने 53 किलोग्राम वर्ग तक कूदने का फैसला किया. विनेश ने 2019 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था.
2020 टोक्यो ओलंपिक में खराब मानसिक स्वास्थ्य के चलते फोगाट मेडल लाने से चूंक गई थी. उन्होंने शिकायत की थी कि उनके कोच को आने की अनुमति नहीं मिली थी. 2021 में हुए टोक्यो ओलंपिक में जाने वाली विनेश इकलौती भारतीय महिला पहलवान थीं. उस समय विनेश दुनिया में नंबर 1 थीं और गोल् मेडल की सबसे मजबूत दावेदार मानी जा रहीं थी. लेकिन क्वार्टरफाइनल में उन्हें विरोधी पहलवान ने हरा दिया. इस हार का विनेश पर बेहद बुरा असर हुआ था उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर अपना दुख जाहिर भी किया कि वो रेसलिंग मैट पर वापस आने से कतराने लगीं है. खुद 2021 के अंत में विनेश ने ट्वीट कर लिखा था कि उनके लिए ये साल काफी खराब रहा.
2021 is over and it has been a tough year. For me, it has been the most difficult year of my life. I started it off in the best possible manner, worked hard, trained harder, but didn't get the result I was hoping for. 1/3 pic.twitter.com/qoO7YCBmY8
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 31, 2021
इसके अलावा 2019 में, विनेश फोगट ने महिलाओं के 53 किलोग्राम भार वर्ग में अपना पहला विश्व चैम्पियनशिप पदक जीता. शीर्ष छह में समाप्त होकर, उसने टोक्यो ओलंपिक 2020 में अपना स्थान हासिल किया. विनेश ने कजाकिस्तान के अल्माटी में एशियाई चैम्पियनशिप 2021 में स्वर्ण पदक जीता. भारत सरकार ने विनेश को 2016 में अर्जुन पुरस्कार और 2020 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया. भारतीय खेल प्राधिकरण ने भी उन्हें 2018 में पद्म श्री पुरस्कार के लिए नामांकित किया.
कॉमनवेल्थ में भारत का प्रदर्शन
विनेश फोगाट ने कुश्ती में भारत को पांचवां गोल्ड मेडल दिलाया है. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में विनेश फोगाट से पहले रवि दहिया, दीपक पूनिया, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने गोल्ड मेडल मेडल अपने नाम किया था. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में अब भारत के कुल 33 मेडल हो गए हैं, जिसमें 11 गोल्ड, 11 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं.
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