नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) भारत को दुनिया के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए श्रम कानूनों में सुधार के साथ कराधान के सरलीकरण और एक अनुकूल शुल्क दर का माहौल बनाने की जरूरत है।
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) और ओआरएफ अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से जारी रिपोर्ट ‘बिल्डिंग रेजिलिएंट ग्लोबल वैल्यू चेन लिंकेज इन इंडिया: फाइंडिंग्स फ्रॉम एन एंटरप्राइज सर्वे’ में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
रिपोर्ट में इस बात की समीक्षा की गई है कि भारत कोविड-19 महामारी के बाद की दुनिया में वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ कैसे बेहतर तरीके से एकीकरण कर सकता है।
रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने कहा, ‘‘आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं के झटके से उत्पन्न जोखिम पहले इतना अधिक दिखाई नहीं दे रहे थे, जो अब अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध, महामारी और रूस-यूक्रेन के बीच संकट के बाद से दिखाई दे रहे हैं।’’
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘वैश्विक मूल्य श्रृंखला जिसे कभी आर्थिक विकास के लिए समाधान के रूप में देखा जा रहा था, अब समीक्षा में दायरे में आ गई है।’’
रिपोर्ट में इस बात की समीक्षा की गई है कि कैसे भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकरण कर सकता है। यह रिपोर्ट अंतरिक्ष और रक्षा समेत कई क्षेत्रों की 200 घरेलू और विदेशी कंपनियों के सर्वे के निष्कर्षों पर आधारित है।
भारत के लिए व्यापार में पांच सबसे बड़ी बाधाओं के रूप में कराधान नियम और नीतियां, बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता, व्यापार और शुल्क दरों की नीति में अनिश्चितता, पूंजी तक पहुंच और कच्चे माल की उपलब्धता जैसे पहलुओं की पहचान की गई है।
भाषा जतिन अजय
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