नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने जीएसटी परिषद को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से दस्तावेज पहचान संख्या (डीआईएन) निकालने की प्रणाली के क्रियान्वयन के लिए राज्यों को परामर्श जारी करने का निर्देश दिया है।
न्यायालय ने कहा है कि इससे अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी और कामकाज का संचालन बेहतर हो सकेगा।
डीआईएन दरअसल एक 20 अंक का पहचान कोड होता है जिसे सरकार द्वारा करदाताओं को भेजी जाने वाली प्रत्येक जानकारी के साथ जोड़ दिया जाता है।
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्न की पीठ ने कहा, ‘‘यह प्रणाली या व्यवस्था अप्रत्यक्ष कर प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाएगी, जो कामकाज के बेहतर संचालन के लिए महत्वपूर्ण है।’’
पीठ ने पिछले माह जारी अपने आदेश में कहा, ‘‘हम रिट याचिका का निपटारा करते हुए भारत सरकार/जीएसटी परिषद को डिजिटल तरीके से डीआईएन निकालने की व्यवस्था को लागू करने के संबंध में राज्यों को सलाह/निर्देश/सिफारिशें जारी करने का निर्देश देते है। यह पहले से कर्नाटक और केरल में लागू है।’’
उच्चतम न्यायालय ने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया है।
याचिका में राज्य कर अधिकारियों द्वारा करदाताओं और अन्य संबंधित लोगों को भेजे गयी सभी सूचना के लिए डीआईएन की इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली को लागू करने को लेकर आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देश देने की अपील की गई थी।
भाषा जतिन अजय
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