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Sunday, 17 November, 2024
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एमपीसी की बैठक शुरू, लगातार तीसरी बार हो सकती है रेपो दर में बढोतरी

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मुंबई, तीन अगस्त (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक की दर निर्धारण समिति की तीन दिन की बैठक बुधवार को शुरू हुई। अनुमान है कि मौद्रिक नीति समिति (एमसीपी) अपनी द्विमासिक समीक्षा के दौरान नीतिगत दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है। उच्च मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए ऐसा किया जा सकता है।

इस तरह पिछले तीन महीनों में रेपो दर या लघु अवधि की उधारी दर में लगातार तीसरी बार बढ़ोतरी हो सकती है।

केंद्रीय बैंक ने पहले ही अपने उदार मौद्रिक नीति रुख को धीरे-धीरे वापस लेने की घोषणा की है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी पांच अगस्त को अपने फैसले की घोषणा करने वाली है।

केंद्रीय बैंक और सरकार, दोनों ही मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रहे हैं, जो इस साल जनवरी से छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। आरबीआई ने मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया है, जिसमें दो प्रतिशत तक घट-बढ़ हो सकती है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा, ‘‘हमने यह सुनिश्चित किया है कि रिजर्व बैंक और सरकार साथ मिलकर इस बात के लिए पर्याप्त कदम उठा रहे हैं कि मुद्रास्फीति को सात प्रतिशत तक या आदर्श रूप से छह से नीचे रखा जाए।’’

आरबीआई ने खुदरा मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए चालू वित्त वर्ष में अब तक रेपो दर को दो बार बढ़ाया है- मई में 0.40 प्रतिशत और जून में 0.50 प्रतिशत।

हालांकि, 4.9 प्रतिशत की मौजूदा रेपो दर अब भी कोविड-पूर्व के स्तर 5.15 प्रतिशत से नीचे है।

महामारी के चलते आए आर्थिक संकट से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक ने 2020 में रेपो दर में तेजी से कमी की थी।

विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक इस सप्ताह नीतिगत दर को कम से कम महामारी से पहले के स्तर पर ला देगा। साथ ही इसे आगे और बढ़ाया जा सकता है।

पंजाब एंड सिंध बैंक के प्रबंध निदेशक स्वरूप कुमार साहा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए रिजर्व बैंक इस सप्ताह रेपो दर में 0.35 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत के बीच बढ़ोतरी करेगा।

श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) उमेश रेवणकर ने कहा कि एमपीसी नीतिगत दरों में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है।

उन्होंने कहा कि पिछली नीति के बाद से घरेलू व्यापक आर्थिक परिदृश्य में बहुत बदलाव नहीं हुआ है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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