नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पंजीकृत और 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक के वार्षिक कारोबार वाली कंपनियों को इस साल एक अक्टूबर से बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) लेनदेन के लिए ई-चालान निकालना अनिवार्य होगा। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
वर्तमान में 20 करोड़ रुपये या उससे अधिक का कारोबार वाली कंपनियों को सभी तरह के बी2बी लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक इन्वॉयस बनाना अनिवार्य है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने एक अगस्त को जारी अधिसूचना में कहा कि एक अक्टूबर से ई-चालान की सीमा को घटाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
गौरतलब है कि जीएसटी परिषद ने इलेक्ट्रॉनिक चालान को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय किया है।
जीएसटी के तहत, एक अक्टूबर, 2020 से 500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार वाली कंपनियों के लिए बी2बी लेनदेन पर ई-चालान अनिवार्य कर दिया गया था।
इसके बाद 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक का कारोबार वाली कंपनियों के लिए भी बी2बी लेनदेन पर ई-चालान का दायरा बढ़ा दिया गया था।
वहीं, एक अप्रैल, 2021 से 50 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए बी2बी लेनदेन को लेकर ई-चालान निकालना अनिवार्य कर दिया गया था।
सीबीआईसी ने आगे चलकर ई-चालान जारी करने की सीमा को और कम करके पांच करोड़ रुपये करने की योजना बनाई है।
भाषा जतिन अजय
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