नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि ऑनलाइन उपभोक्ताओं को उत्पादों एवं सेवाओं की फर्जी और भ्रामक समीक्षाओं से बचाने की खातिर प्रस्तावित रूपरेखा के तहत ब्रांड प्रचारकों, सोशल मीडिया पर राय देने वाले लोगों (इन्फ्लूएंसर) और ब्लॉगर को भी लाया जाए।
कैट ने यह भी कहा कि किसी भी उत्पाद या सेवा की रेटिंग भी समीक्षा के लिए नीतिगत ढांचे का हिस्सा होनी चाहिए।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मई में ई-कॉमर्स कंपनियों एवं अन्य संबंधित पक्षों के साथ बैठक की थी जिसमें ऑनलाइन बिक्री मंचों पर उत्पादों एवं सेवाओं की फर्जी समीक्षाओं से उपभोक्ताओं को बचाने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की गई थी। इस दौरान एहतियाती कदमों की संभावना पर भी गौर किया गया था।
कैट ने केंद्र सरकार से उपभोक्ताओं को उत्पादों की नकली और भ्रामक समीक्षाओं से बचाने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित नीति को तुरंत लागू करने का आग्रह किया है। कैट ने कहा कि इस तरह की समीक्षाएं उपभोक्ताओं की खरीद पसंद को काफी हद तक प्रभावित करती है और भ्रामक समीक्षा उनके साथ एक धोखाधड़ी है।
कैट ने कहा, ‘‘इस संदर्भ में ब्रांड प्रचारकों, सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर, माल एवं सेवाओं के बारे में लिखने ब्लॉगरों को फर्जी और भ्रामक समीक्षाओं पर प्रस्तावित नीति के दायरे में लाया जाना चाहिए।’’
कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, ‘‘वर्तमान परिदृश्य में ई-कॉमर्स से खरीदारी का चलन दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। सामान के स्पर्श और अनुभव के अभाव में, वस्तुओं और सेवाओं की समीक्षा और रेटिंग उपभोक्ताओं की पसंद को प्रभावित करने में बहुत महत्व रखती है। ग्राहक आमतौर पर उत्पादों और सेवाओं की समीक्षाओं और रेटिंग के माध्यम से अपनी राय तय करते है। ऐसे में, नकली और भ्रामक समीक्षाएं उपभोक्ताओं और उनकी पसंद को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करती हैं।’’
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