scorecardresearch
Thursday, 16 January, 2025
होमखेलक्लीन एवं जर्क का दूसरा प्रयास सफल होता तो तीसरे में और अधिक वजन उठाती: बिंदियारानी

क्लीन एवं जर्क का दूसरा प्रयास सफल होता तो तीसरे में और अधिक वजन उठाती: बिंदियारानी

Text Size:

… भरत शर्मा…

बर्मिंघम, 31 जुलाई (भाषा) भारत की बिंदियारानी देवी ने भारोत्तोलन में महिलाओं की 55 किलोग्राम श्रेणी में देश को रजत पदक दिलाने के बाद कहा कि क्लीन एवं जर्क वर्ग में अगर उनका दूसरा प्रयास विफल नहीं होता तो वह तीसरे प्रयास में और अधिक वजन उठाने की कोशिश करती। मीराबाई चानू के स्वर्ण पदक जीतने के बाद 23 वर्षीय बिंदियारानी ने स्नैच वर्ग में 86 किलोग्राम वजन उठाकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बाद क्लीन एंड जर्क में 116 किलोग्राम वजन उठाकर इन खेलों का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने कुल 202 किग्रा वजन के साथ रजत जीता। इस स्पर्धा का स्वर्ण नाइजीरिया की अदिजत अदेनाइके ओलारिनोये ने 203 किग्रा (92 किग्रा एवं 111 किग्रा) का भार उठा कर जीता। स्पर्धा के दौरान बिंदियारानी स्वर्ण पदक की दौड़ में थी लेकिन क्लीन एंव जर्क में उनका 114 किग्रा का प्रयास विफल हो गया। उन्होंने हालांकि इसके बाद तीसरे प्रयास में सफलता पूर्वक 116 किग्रा का भार उठाकर इन खेलों का रिकॉर्ड बनाया। मणिपुर की इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ दूसरे प्रयास में अगर मैं 114 किग्रा का भार उठा लेती तो शायद तीसरे प्रयास में मैं और अधिक भार उठाने की कोशिश करती। दूसरा प्रयास विफल होना मेरे लिए आश्चर्यचकित करने वाला था लेकिन मैं कम से कम रजत पदक जीतने को लेकर खुश हूं।’’ उनका अगला बड़ा लक्ष्य 2024 का ओलंपिक है। बिंदिया को उम्मीद है कि वह ओलंपिक तक चोटिल होने से बची रहेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘भगवान की कृपा से पिछले कुछ वर्षों से मैं चोट मुक्त रही हूं। अब मैं खेल गांव वापस जा कर अपने साथियों को वादे के अनुसार मिठाई खिलाउंगी और खुद भी कुछ खाऊंगी।’’ बिंदियारानी के मुकाबले को देखने के लिए उनके परिवार ने पहले से ही पूरी तैयारी कर ली थी। उनके पिता ने अपनी राशन की दुकान बंद कर दी थी तो वहीं उनके भाई ने ‘डीटीएच कनेक्शन’ को रिचार्ज कराया। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘वे कल से तैयारी कर रहे हैं। उनके घर में ‘सोनी टेन चैनल (आधिकारिक प्रसारक)’ नहीं था इसलिए मेरे भाई ने रिचार्ज किया। भाई और मेरे दोस्तों ने कहा था कि पदक जीतने के बाद वह शानदार तरीके से मेरा स्वागत करेंगे।’’   मणिपुर भारोत्तोलन के लिए देश का बड़ा केंद्र बन गया है। दिग्गज कुंजारानी देवी के बाद मीराबाई चानू और बिंदियारानी ने देश को कई यादगार सफलता दिलायी। राज्य अपने पदक विजेताओं का स्वागत करने के लिए तैयार है। यह बिंदियारानी के करियर का सबसे बड़ा पदक । वह राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में पदक जीत चुकी है लेकिन इस बड़े मंच पर अपनी पहचान बनाने में उन्हें एक एक दशक का समय लगा। उसका पहला प्यार ताइक्वांडो था लेकिन कम लंबाई (149 सेमी) के कारण कोच ने उन्हें भारोत्तोलन में हाथ आजमाने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘‘ 2008 से 2012 तक मैं ताइक्वांडो कर रही थी। मैंने फिर भारोत्तोलन पर ध्यान देना शुरू किया। मेरी लंबाई कम है और साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण) केंद्र के लोगों (कोच) ने कहा कि मेरी ऊंचाई भारोत्तोलन के लिए आदर्श सटीक है। मैं 2013 भारोत्तोलन कर रहीं हूं।’’ भाषा आनन्द नमितानमिता

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments