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Friday, 22 November, 2024
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दीपिका-रणवीर की शादी कवर करने में भारतीय पत्रकार हुए फेल

विराट अनुष्का ने तो नहीं बताया था, पर दीपिका और रणबीर ने पहले ही अपनी शादी के बारे में सब कुछ बता दिया और फिर भी आप फेल हो गए.

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मेरी भारतीय मीडिया से निवेदन है कृपया लेक कोमो से लौटे नहीं. उसी में कूद जाएं

अभी तक दीप-वीर शादी से तुम एक ढ़ंग की तस्वीर नहीं ला पाएं. अब तो वो शादी हो भी गई. और हम सब सेलिब्रेटी शादी के शौकीन, बॉलीवुड गणराज्य के नागरिकों के साथ इससे बेहतर व्यवहार होना चाहिए था. ये एक के बाद एक – दूसरी बार है जब आप फेल हो गए.

जो ये आप दावे करते हो कि आपके तार दुनिया भर से जुडे है सब गलत है आप को तो ये भी पता नहीं था कि उनकी शादी होने वाली है. आपने उनकी शादी का ऐसा कचरा किया कि वे खुद ही अपनी शादी की तस्वीर इंस्टाग्राम पर लगाने के लिए मजबूर हुए. और पहले पांच मिनट देख कर सब सोचते रहे कि ये मान्यवर का विज्ञापन है.

हम में से कईयों को लगा था कि इस बार आप अपना काम ठीक से करना सीख गए होंगे और सितारों की शादी के लतखोरों को कुछ अच्छा नशा मिलेगा. पर यार क्या फेल हुए आप. ऐसा लगा जैसे रणवीर और दीपिका आप को चुनौती दे रहे है. विरुष्का की तरह वे नहीं थे, अपनी शादी के बारे में पहले ही सब कुछ उन्होंने बता दिया और आप फिर भा फेल हो गए.

भगवान झूठ न बुलाए, मुझे वाकई प्रेस की चिंता हो रही है. अब मुझे आप के प्रोफेशनल सामर्थ्य पर शक होने लगा है- आप जो कि सत्ता को अपने किये के लिए कटधरें में खड़े करने को मजबूर कर सकते है. आप ये बताये कि बड़े घोटालों पर से भविष्य में पर्दाफाश करने की आप कुव्वत रखते है इसपर हम कैसे विश्वास कर ले जब आप एक छोटे से इटालवी शहर में ( दूसरी बार भी) ऐसे विश्वस्त सूत्र नहीं बना पाए जो उस मुई शादी की कुछ खास तस्वीरें ही दिखा पाते.

आपका शुक्रिया कि आपकी वजह से आज हमारा इतना टोटा है कि खबर के चक्कर में पिछले दो घंटों मे मैं 10 क्लिक पाने वाले आरटिकल के जाल में फंसा. शर्म की बात है कि वे बेकार आरटिकल देश के कुछ सबसे जाने माने समाचार संगठनों ने छापे थे.

इंडिया टूडे की सुर्खी थी ‘लेक कोमो इटली से रणबीर और दीपिका की शादी की पहली तस्वीरें.’ वाह मैने सोचा और क्लिक किया- ये सोचते हुए कि किसी जाबाज़ पत्रकार ने अपनी जान दाव पर लगा दी और तस्वीरें ले ली. पर उसने क्या लिया था. शादी स्थल के एक गेट का बचकाना फोटो. और एक नहीं तीन तीन तस्वीरें खाली पडें पार्किंग लॉट का. उसमें दो फोटो एक बोर्ड की थी कि यहां 11 से 15 नवंबर तक पार्किंग निशिद्ध है. तो शेरलॉक ने दो और दो मिला कर ये खोज लिया कि ये दीप-वीर शादी की तारीखों से मेल खाता है.

ये ऐसा समय था कि मीडिया के पास सामग्री इतनी कम थी कि जिस अगली हैडलाइन पर मैने क्लिक किया वो थी – ‘दीपिका और रणवीर की लेक कोमो में शादी: खर्च और अंदर की बात.’ और लेख इंटरनेट पर पाई जाने वाली कीमतों को जोड़ कर तैयार किया गया कैलकुलेशन था: हर कमरे का किराया 33,000 रुपये गुणा 75 कमरे गुणा 7 दिन यानि 1,73,25,000. लेखक ने ज़रूर सोचा हो ‘पुलिट्ज़र पुरस्कार गया भाड़ में हम गणित में फील्ड मैडल ही पा लें.’

आइये मैं आपकी उस गलतफहमी को भी दूर कर दूं. क्या आप वाकई सोचते है कि एक दक्षिण भारतीय पिता किसी भी ऐसी शादी की पार्टी का हिस्सा हो सकता है जिसमें होटल का किराया ही करीब दो करोड़ हो? मैं दक्षिण भारतीय हूं और मुझे पता है कि प्रकाश अंकल ने पहले रिसोर्ट की वेबसाइट पर कीमत पता की होगी, फिर ट्रिवागो में सबसे अच्छी डील ढ़ूंढ़ी होगी. फिर उन्होंने ‘सेवमाईमनी’ कुपन लगाया होगा और सारी बुकिंग पर कम से कम 40 प्रतिशत ऑफ तो लिया ही होगा. फिर उन्होंने ज़रूर ‘लेक कोमो कोंकणी असोसिएशन’ से संपर्क साधा होगा और शिनोय अंकल से बात की होगी कि क्या वे किसी को उस रिसोर्ट में जानते है. शिनॉय अंकल ने फिर अपने संपर्क से बात की होगी और सभी मेहमानों के लिए मुफ्त नाश्ते का इंतज़ाम कर लिया होगा.

तो ये बात तो तय है कि आने वाले समय में जब कोई भी मीडिया हाउस किसी स्कैम में फलाना करोड़ के धोखे की खबर देगा तो मैं उसपर विश्वास नहीं कर पाउंगा. शायद आपने मुझे 2जी स्कैम के कई लाख करोड़ होने का विश्वास दिलाया था, और मैं मान भी गया था. पर शायद उससे भी बड़ा धोखा ये था कि आप खुद धोखा खा गए.

मुझे विश्वास ही नहीं होता कि ये वो ही मीडिया जिसने सन 2000 के शुरुआती दौर में स्पाई कैम लगा कर एक पार्टी अध्यक्ष के बस एक लाख घूस लेने के आरोप को सिद्ध किया था. क्या आप आज होटल के कमरे में ब्लूटूथ माईक नहीं लगा सकते थे. आखिर ये रणवीर की शादी थी. रणवीर के अन्दाज़ बिरले है तो अगर आप ने माइक लगाया होता तो आपको कितने मज़े की बाते सुनने को मिलती. मसलन उनकी मां को ये कहते हुए सुना जा सकता – ‘नहीं रणवीर. तुम अपनी शादी में दीपिका का लेहंगा नहीं पहन सकते.’ या प्रकाश अंकल ये कहते हुए सुनाई देते –‘ तुम मेरी बेटी के साथ भाग कर शादी क्यों करने की कोशिश कर रहे हो जब हम सब इस शादी के लिए राज़ी है.’

आप में से कुछ इतनी दूर इटली बस इसलिए गए कि मुझे बेवकूफ बना सको और मैं ऐसे फर्जी कहानियों को पढ़ने के लिए क्लिक करने पर मजबूर होऊं. ‘दीपिका और रणवीर लेक कोमो रिसोर्ट में. अंदर की तस्वीरें!’ एक टाइम्स नाउ के आरटिकल था – ‘वाइरल – लेक कोमो में दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की कोंकणी शादी की तस्वीरें.’ सबसे पहले मुझे आप के विश्वास की दाद देनी पड़ेगी. आप ने मान लिया कि ये तस्वीर वाईरल हो गई है. और दूसरी बात उसमें अंदर की फोटो थी ही नहीं. सभी तस्वीरें रिसॉर्ट के बाहर की थी. ये तस्वीरें एक दूरी से ली गई थी कि तस्वीरें इतनी धुंधली थी कि प्रकाश पादुकोण पुलेला गोपीचंद सरीखे दिख रहे थे.

एनडीटीवी यूही कुछ तस्वीरें अपनी वेबसाइट पर लगा के हैडलाईन देता है ‘क्या ये दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह के शादी स्थल की तस्वीरें है. कितनी सुंदर.’ इसे आप रिपोर्टिंग कैसे कह सकते है. क्या आप अपने पाठकों से चाहते है कि वो आपकी कहानियों की सच्चाई परखें. ये तो पगलाया सिटिज़न जर्नलिस्म हुआ. कल मुझे पक्का यकीन है आप ऐसी हैडलाइन पढ़ते हुए उठेंगे ‘क्या ये 3000 फीट उंचे मोदी की मूर्ति की तस्वीर जिसका स्वयं मोदी अनावरण कर रहें है. कितनी सुंदर!’

पर सब कुछ अभी भी समाप्त नहीं हुआ है. मेरी मीडिया से अपील है कि कमर कसें, और कड़ी मेहनत कर दीप-वीर की शादी के रिसेप्शन पर ऐसा कमाल दिखाएं कि सब देखते रह जाएं. अगर ज़रूरत पड़े तो पनीर में कैमरे घुसाएं ताकि असली अंदर की बात हम तक पहुंचे और हमारी बड़ी शादियों को देखने की भूख शांत हो पाए. हमारे जीवन तो बोरिंग है और हमारा बजट भी हल्का है. हमें बात करने के लिए कुछ तो चाहिए. और ये कोई आम शादी नहीं है. ये ऐसी शादी है जिसमें दंपत्ति के संगीत का रिहर्सल में तीन संजय लीला भंसाली की फिल्में शामिल थी.

इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

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