नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) एक ही स्थान पर शिल्प और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘वस्त्र को पर्यटन से जोड़ने’ के कार्यक्रम के तहत आठ शिल्प गांवों को शामिल किया गया है। इससे करीब एक हजार दस्तकारों को लाभ मिलेगा।
कपड़ा मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि प्रमुख पर्यटन स्थलों को हस्तशिल्प समूह से जोड़ा जा रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि शिल्प गांव दस्तकारों के लिए स्थायी और लाभकारी आजीविका विकल्प विकसित करेंगे। इस तरह देश की समृद्ध कारीगरी विरासत की रक्षा होगी।
बयान के अनुसार, ‘‘इस कार्यक्रम से देश भर के करीब 1,000 दस्तकारों को सीधे तौर पर फायदा होगा। इस कार्यक्रम से इन शिल्प गांवों में पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ी है।’’
मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस कार्यक्रम के तहत आठ शिल्प गांव…..रघुराजपुर (ओडिशा) तिरुपति (आंध्र प्रदेश), वदाज (गुजरात), नैनी (उत्तर प्रदेश), अनेगुंडी (कर्नाटक), महाबलीपुरम (तमिलनाडु), ताजगंज (उत्तर प्रदेश), आमेर (राजस्थान) को शामिल किया गया है।’’
भाषा जतिन रमण
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