नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) खाद्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत गेहूं भंडारण के मकसद से अनाज को सुरक्षित रखने की कोठरी (साइलो) बनाने के लिए पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में 33 स्थानों पर अधिशेष सरकारी जमीन की पहचान की गई है।
नए ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल के तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत गेहूं के भंडारण के लिए साइलो जैसी आधुनिक भंडारण सुविधाओं का निर्माण किया जाना है। मंत्रालय का लक्ष्य देशभर में 249 स्थानों पर 111.12 लाख टन क्षमता के साइलो का निर्माण करना है।
प्रस्तावित साइलो भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की जमीन पर डीबीएफओटी (डिजाइन, बनाओ, वित्तपोषण करो, संभालो और सौंप दो) के तहत परिचालित होंगे। इसके अलावा ये रियायती/अन्य एजेंसियों की जमीन पर क्रियान्वयन एजेंसी एफसीआई के जरिये डीबीएफओओ (डिजाइन, बनाओ, वित्तपोषण, स्वामित्व और परिचालन) के आधार पर परिचालन करेंगे।
पहले चरण में इस वर्ष अप्रैल-जून के दौरान डीबीएफओटी मोड पर 11 स्थानों पर 10.12 लाख टन क्षमता के साइलो के निर्माण के लिए और डीबीएफओओ आधार पर 24.75 लाख टन क्षमता वाले 66 स्थानों के लिए भी निविदाएं जारी की गई थीं।
इसने कहा है कि मंत्रालय के निरंतर प्रयासों से राज्य सरकारों द्वारा लागू नियमों के तहत संबंधित रियायतियों को पट्टे/हस्तांतरण के लिए कुछ भूमि टुकड़ों की पहचान की गई है।
आज तक पंजाब ने 26 स्थानों पर सरकारी/पंचायत भूमि की उपलब्धता की पुष्टि की है। मध्य प्रदेश ने चार स्थानों की पहचान की है – उज्जैन, धार, गुना और दमोह। उत्तर प्रदेश में दो स्थानों औरैया और बदायूं की पहचान की गई है, जबकि गुजरात ने बनासकांठा में एक साइलो के निर्माण के लिए एक स्थान की पहचान की है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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