नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने बृहस्पतिवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश को सिर्फ सौर उपकरणों के कारोबार तक सीमित रहने के बजाय फोटो वोल्टिक मॉड्यूल का विनिर्माण केंद्र बनना होगा।
उन्होंने मेरकॉम इंडिया सौर सम्मेलन 2022 में कहा, ‘‘भारत अबतक फोटो वोल्टिक (पीवी) मॉड्यूल्स और सौर उपकरणों के लिये अन्य देशों पर निर्भर रहा है लेकिन आत्मनिर्भर भारत के तहत हमें केवल कारोबारी नहीं बनना है बल्कि हमें विनिर्माता बनना है। देश को निश्चित रूप से विनिर्माण केंद्र बनना चाहिए।’’
खुबा ने कहा कि सरकार ने घरेलू सौर ऊर्जा क्षेत्र को समर्थन देने के लिये देश में पीवी मॉड्यूल्स और संबंधित उपकरणों के विनिर्माण को बढ़ावा देने को लेकर उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सौर पीवी मॉड्यूल्स विनिर्माण क्षमता को बढ़ावा देने के लिये अप्रैल, 2021 में 4,500 करोड़ रुपये पीएलआई योजना को मंजूरी दी।
सरकार ने योजना के तहत घरेलू सौर सेल और मॉड्यूल विनिर्माण के लिये वित्तपोषण को बढ़ाकर 24,000 करोड़ रुपये कर दिया है। इसका मकसद इन उपकरणों के मामले में देश को निर्यातक बनाना है।
सौर मॉड्यूल पर लगाये गये शुल्क के बारे में मंत्री ने कहा, ‘‘यह हमारे भारतीय निवेशकों को हतोत्साहित नहीं करेगा। यह भारतीय विनिर्माताओं को प्रोत्साहित करेगा ताकि देश आने वाले समय में सौर उपकरणों का विनिर्माण केंद्र बने।’’
मेरकॉम कैपिटल ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राज प्रभु ने कहा कि दो दिन के सम्मेलन के दौरान निकले निष्कर्ष पर एक रिपोर्ट नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ साझा की जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उद्योग के समक्ष चुनौतियों और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिये विभिन्न संबंधित पक्षों की सरकार से अपेक्षाओं का ब्योरा साझा करेंगे।’’
भाषा
रमण अजय
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