कोलंबो, 28 जुलाई (भाषा) नकदी संकट से जूझ रहे श्रीलंका को चीन सहित अपने सभी लेनदारों के साथ ऋण पुनर्गठन वार्ता शुरू करनी चाहिए।
वाशिंगटन स्थित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने श्रीलंका को यह सुझाव देते हुए कहा कि इसके बाद ही वह राहत पैकेज हासिल करने की उम्मीद कर सकता है।
पड़ोसी देश इस समय अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसके चलते ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है।
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने बुधवार को ट्विटर स्पेस पर सवालों के जवाब में कहा, ‘‘श्रीलंका में भुगतान संतुलन का संकट है। विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो गया है। बुनियादी आवश्यकताओं तथा दवा और ईंधन के भुगतान के लिए वे कुछ भी नहीं दे सकते हैं।’’
गौरींचस ने कहा कि आईएमएफ श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को लेकर काफी चिंतित है और वह राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली नई सरकार के साथ काम करने को लेकर उत्सुक है।
उन्होंने कहा, ‘‘श्रीलंका को आईएमएफ के साथ किसी समझौते पर पहुंचने से पहले चीन सहित सभी लेनदारों के साथ एक ऋण पुनर्गठन समझौता करने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम संकट के प्रभाव, खासकर गरीब और कमजोर समूहों पर इसके असर को लेकर चिंतित हैं। हमने रिपोर्ट देखी हैं। हमने उन कठिनाइयों को देखा है, जिनका वे सामना कर रहे हैं।’’
एक अनुमान के मुताबिक, श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबरने के लिए अगले छह माह में करीब पांच अरब डॉलर की जरूरत है।
भाषा पाण्डेय अजय
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