नई दिल्ली: इस महीने की शुरुआत में भारत में पाए गए मंकीपॉक्स के पहले दो मामलों के नमूनों की आनुवंशिक अनुक्रमण से पता चलता है कि देश में फैले और यूरोप में पहचाने गए ‘सुपर-स्प्रेडर’ घटनाओं से जुड़े लोगों से अलग हैं. इससे पता चलता है कि वायरस का एक अलग स्ट्रेन कम से कम 2021 से पूरी दुनिया में लोगों के बीच पहुंच रहा है.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (ICMR-NIV), पुणे के वैज्ञानिकों ने वैश्विक विज्ञान पहल GISAID, शोधकर्ताओं के लिए एक सार्वजनिक डेटाबेस पर मंकीपॉक्स वायरस के आनुवंशिक अनुक्रम अपलोड किए हैं. दिप्रिंट ने डेटा एक्सेस कर लिया है.
वर्तमान में, माना जाता है कि 75 देशों में फैले 20,000 से अधिक मंकीपॉक्स के मामले यूरोप में सुपर-स्प्रेडर घटनाओं के माध्यम से हुए हैं और इनमें से अधिकांश, 2022 में पहचाने गए, ‘बी.1’ नाम के स्ट्रेन से संबंधित हैं.
हालांकि, ऐसा लगता है कि दुनिया भर के मामलों का एक छोटा समूह एक अलग स्ट्रेन – ‘ए.2’ से संबंधित है. दिप्रिंट से बात करते हुए, सीएसआईआर-आईजीआईबी (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी) के जीनोमिक वैज्ञानिकों ने कहा कि अब तक अनुक्रमित बहुत कम नमूने ए.2 क्लस्टर से संबंधित हैं.
?The curious case of Indian #Monkeypox Genomes
Wonderful effort by clinicians in @KeralaHealth who diagnosed the disease and researchers at @icmr_niv, we now have sequences of MPX isolates in @GISAID .This short ?is on what the early genomes say.
Analysis @bani_jolly pic.twitter.com/xsQcOiQNHx— Vinod Scaria (@vinodscaria) July 27, 2022
एक ट्विटर थ्रेड में, IGIB के एक प्रमुख जीनोमिक वैज्ञानिक विनोद स्कैरिया ने कहा कि ए.2 जीनोम अमेरिका और थाईलैंड से हैं, और ऐसा लगता है कि यूरोप से जुड़ी किसी भी घटना से उत्पन्न नहीं हुए हैं.
आगे उन्होंने कहा कि केरल में आइडेंटिफाई किए गए दो जीनोम इस छोटे से विशिष्ट ए.2 क्लस्टर से संबंधित हैं. ‘हम मानव-मानव संचरण के एक अलग समूह को खोज रहे हैं और संभवत: सालों से सालों से इससे अपरिचित हैं.’
स्कैरिया ने यह भी बताया कि भारत से संबंधित कुछ मामलों सहित कुछ मामले जो ए.2 स्ट्रेन से संबंधित हैं वे मध्य पूर्व या पश्चिम अफ्रीका के यात्रा संबंध हैं. उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका से क्लस्टर में सबसे पहला नमूना वास्तव में 2021 से है, यह बताता है कि वायरस पिछले कुछ समय से और यूरोपियन इवेंट्स के पहले सर्कुलेशन में है.’
पिछले महीने अमेरिका के जेनेटिक डेटा से यह भी पता चला था कि कम से कम दो अलग-अलग मंकीपॉक्स का प्रकोप एक साथ होने वाला है. ए.2 संस्करण कुछ समय के लिए धीरे-धीरे दुनिया भर में फैल रहा है और अब यह यूरोपीय मंकीपॉक्स के प्रकोप के कारण इसका पता लगाया जा रहा है.
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