नई दिल्ली: भाजपा सांसद वरुण गांधी किसानों के पक्ष में लगातार बात रख रहे हैं. बुधवार को उन्होंने एक वीडियो के जरिए फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग दोहराई है.
वरुण गांधी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘एमएसपी पर कानूनी गारंटी के लिए मैंने लोकसभा में निजी विधेयक रखा था. इसे निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी ने सदन में बहस के लिए अनुशंसा दी है. मैं उनका बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं. किसानों के हित में इस विधेयक पर चर्चा होगी ऐसी आशा है.’
किसानों को MSP की कानूनी गारंटी के लिए मैंने लोकसभा में निजी विधेयक रखा था।इसे निवर्तमान राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी ने सदन में बहस के लिए अनुशंसा दी। मैं उनका बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं।किसानों के हित में इस विधेयक पर संसद में चर्चा होगी ऐसी आशा है। https://t.co/AQvitNUgvs
— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 27, 2022
उन्होंने ट्विटर पर जारी वीडियो में कहा कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेते समय किसानों की सभी मांगों को मानने का वादा किया था. इस विषय पर लोकसभा में मैंने 1 अप्रैल 2022 को एक निजी विधेयक पेश किया था. इसका मकसद किसानों को एमएसपी की गारंटी दिलानी है.
गांधी ने कहा, ‘आज हमारे छोटे एवं सीमांत किसान भाइयों के सामने खेती करने में बढ़ती लागत, अनिश्चित बाजार के जोखिम जैसी कई समस्याएं हैं. सरकार द्वारा किसानों को एमएसपी देने के लिए एक कमेटी गठित की गई है. लेकिन उस कमेटी में वही सरकारी नुमाइंदे हैं जिन्होंने तीन कानूनों का समर्थन किया था. इस कमेटी का संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बहिष्कार और इसमें किसानों का उचित प्रतिनिधित्व नहीं होने से यह विश्वसनीय और प्रासंगिक नहीं रही है.’
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए इस निजी विधेयक में कई महत्वपूर्ण प्रावधान रखे गए हैं. इस विधेयक का मूल उद्देश्य फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देना है. गांधी ने कहा कि एमएसपी संपूर्ण उत्पादन लागत, सी2 के ऊपर 50 प्रतिशत लाभांश पर निर्धारित होगी. उदाहरण के तौर पर फसल की कुल लागत अगर एक हजार रुपये प्रति क्विंटल है तो 50 फीसदी लाभांश के अनुसार किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी डेढ़ हजार रुपये की होगी.
वरुण गांधी ने कहा कि यदि किसी वजह से किसानों को एमएसपी नहीं मिलती तो सरकार को विक्री मूल्य और एमएसपी के बीच के अंतर का भुगतान एक सप्ताह के भीतर करना होगा.
कृषि उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए और अधिक कोल्ड स्टोरेज स्थापित करना विधेयक का हिस्सा है. बाजार तक बेहतर पहुंच बनाने के लिए ग्रामीण संपर्क सड़कों और अधिक विकास किए जाने की बात रखी गई है.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा कृषि उत्पादों की ग्रेडिंग, पैकिंग और वजन से जुड़ी समस्याओं का भी समुचित समाधान निकालने का प्रावधान किया है.
गांधी ने कहा कि एक ग्रामीण और कृषि प्रधान क्षेत्र का सांसद होने के नाते मैंने किसान भाइयों का दर्द नजदीक से महसूस किया है. यह विधेयक किसानों की वर्तमान स्थिति में सुधार और बेहतर भविष्य की नींव रखेगा. मैं सभी सांसदों से अपील करता हूं कि आप किसान हित में इस बिल को पास करवाकर इसमें मौलिक प्रावधानों को जल्द से जल्द अमल में लाने के लिए सहयोग दें, जिससे कृषि संबंधी समस्याओं के विभिन्न पहलुओं को तत्काल सुलझाया जा सके.
गौरतलब है कि इससे पहले भी वरुण गांधी लगातार किसानों का मुद्दा उठाते रहे हैं. लखीमपुर खीरी की घटना पर भी योगी सरकार से कार्रवाई की मांग की थी. इसके अलावा कृषि मंडियों का दौरा कर भी किसानों को उनकी फसलों के वाजिब दाम की मांग कर चुके हैं. वह सड़क से लेकर संसद तक किसानों को मांगों को उठा रहे हैं.
वहीं एक दिन पहले वरुण गांधी ने ट्विटर पर गंगा की सफाई का मुद्दा उठाया था और इसे करोड़ों देशवासियों के जीवन, धर्म और अस्तित्व का आधार कहा था. उन्होंन इस ट्वीट के साथ नदी के किनारे मरी हुई मछलियों का वीडियो भी शेयर किया था.
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