मुंबई, 26 जुलाई (भाषा) देश की 75 बड़ी कंपनियों में इस साल अप्रैल-जून तिमाही में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के मुकाबले घरेलू निवेशकों के पास इक्विटी शेयर की संख्या अधिक हो गयी है।
ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू निवेशकों (म्यूचुअल फंड और व्यक्तिगत) के पास जून, 2022 में संयुक्त रूप से इक्विटी 7.20 प्रतिशत बढ़कर 25.6 प्रतिशत हो गई। वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के पास उपलब्ध शेयर 2.30 प्रतिशत घटकर 24.8 प्रतिशत रह गये।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जून तिमाही में 75 कंपनियों में घरेलू निवेशकों का मालिकाना हक 0.9 प्रतिशत बढ़ा जबकि एफपीआई के मामले में यह 0.84 प्रतिशत घटा है। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से ये कंपनियां बड़ी हैं।
एफपीआई का स्वामित्व दिसंबर, 2014 के बाद 2.32 प्रतिशत घटा, जबकि सालाना आधार पर 2.63 प्रतिशत कम हुआ है।
प्रवर्तकों की हिस्सेदारी भी सालाना आधार पर 0.2 प्रतिशत, तिमाही आधार 0.05 प्रतिशत तथा 2014 के बाद से 3.26 प्रतिशत कम हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों में वित्तीय संस्थानों की हिस्सेदारी सालाना आधार पर 0.39 प्रतिशत जबकि तिमाही आधार पर 0.64 प्रतिशत बढ़ी। वहीं 2014 के बाद से यह 0.17 प्रतिशत घटी है। दूसरी तरफ घरेलू म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी तीनों अवधि के दौरान क्रमश: 0.49 प्रतिशत, 1.44 प्रतिशत और 5.80 प्रतिशत बढ़ी है।
सार्वजनिक या खुदरा निवेशकों की इन कंपनियों में हिस्सेदारी सालाना आधार पर 0.01 प्रतिशत, तिमाही आधार पर 0.36 प्रतिशत तथा 2014 से 1.57 प्रतिशत बढ़ी है।
इन कंपनियों में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी जून में 44.9 प्रतिशत रही जो सितंबर, 2021 के 45.4 प्रतिशत के मुकाबले कम है।
भाषा
रमण अजय
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