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Thursday, 14 November, 2024
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पौधा-आधारित मांस खंड में उतर रहीं बड़ी एफएमसीजी कंपनियां

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नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) दैनिक उपभोग के सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली बड़ी कंपनियां अब मांसाहारी उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए पौधा-आधारित मांस खंड में भी प्रवेश करने लगी हैं और आने वाले समय में इनकी संख्या बढ़ने की संभावना है।

दो साल पहले ही खोले गए इस खंड का कारोबार वर्ष 2030 तक लगभग एक अरब डॉलर होने का अनुमान है। अब पौधा-आधारित मांस खंड के उत्पाद ई-कॉमर्स मंचों और बड़े महानगरों में बड़ी खुदरा श्रृंखलाओं में भी मिलने लगे हैं।

इसके अलावा एफएमसीजी कंपनियां होटल, रेस्टोरेंट एवं खानपान खंड के संस्थागत ग्राहकों को भी लक्षित कर रही हैं। भारत में डोमिनोज और स्टारबक्स जैसी कई श्रृंखलाओं ने भी अपनी सूची में पौधे आधारित प्रोटीन उत्पादों को जगह दी है।

टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट लिमिटेड (टीसीपीएल) ने पिछले हफ्ते एक नए ब्रांड ”टाटा सिम्पली बेटर” के तहत पौधा-आधारित मांस उत्पादों की श्रेणी में कदम रखा था। टाटा समूह की इस कंपनी का कहना है कि पौधा-आधारित मांस पर्यावरण एवं स्वास्थ्य से जुड़े प्रभावों के बगैर पशुओं के मांस का विकल्प पेश करता है।

आईटीसी ने भी साल की शुरुआत में इस खंड में प्रवेश किया था। इस विकल्प में शाका हैरी और विराट कोहली एवं अनुष्का शर्मा के वित्तपोषण वाले ब्लू ट्राइब जैसे स्टार्टअप भी कदम रख चुके हैं।

ब्लू ट्राइब के सीसीओ सोहिल वजीर ने कहा, ‘हम मांसाहारी लोगों को उनकी जीवनशैली में मांस की जगह लेने के लिए पौधा-आधारित मांस के कई उत्पाद पेश करने की योजना बना रहे हैं।’

शाका हैरी के सह-संस्थापक आनंद नागराजन ने कहा, ‘पौधों से मिलने वाला प्रोटीन एक उभरता हुआ खाद्य क्षेत्र है।’

एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज के कार्यकारी निदेशक अवनीश रॉय के अनुसार, लंबी अवधि में अधिक एफएमसीजी कंपनियां इस खंड में प्रवेश करेंगी। रॉय ने कहा, ‘मुझे लगता है कि नेस्ले, एचयूएल, मैरिको यह आकलन कर सकती हैं कि इस खंड के बड़ा हो जाने पर अगले पांच वर्षों में प्रवेश करना है या नहीं।’

भाषा प्रेम

प्रेम

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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