(सुमेधा शंकर)
नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) बढ़ती ब्याज दरों, खुदरा ऋण के विस्तार और कर्ज की गुणवत्ता में सुधार से इस साल बैंकिंग क्षेत्र के कई शेयरों ने व्यापक बाजार सूचकांक से बेहतर प्रदर्शन किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोई बड़ा वृहद-आर्थिक झटका नहीं लगता है, तो यह तेजी आगे भी जारी रहेगी।
वर्ष 2022 की शुरुआत से अबतक बीएसई बैंक सूचकांक पांच प्रतिशत बढ़ा है। इसके उलट बीएसई के मानक सूचकांक सेंसेक्स में करीब चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे कुछ प्रमुख बैंकिंग शेयरों में तो 30-40 प्रतिशत तक की तेजी आई है।
विश्लेषकों ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र को अर्थव्यवस्था के ‘मदर सेक्टर’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि बैंकों का बेहतर प्रदर्शन अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर दिनों का संकेत देता है लेकिन जब अर्थव्यवस्था खराब होती है तो बैंकिंग क्षेत्र को तगड़ी चोट लगती है।
बैंकों के गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) परिदृश्य में भी सुधार हुआ है और कॉरपोरेट कर्जदारों की तरफ से चूक के बड़े मामले भी सामने नहीं आए हैं। हालांकि, विशेषज्ञों की मानें तो बैंकिंग क्षेत्र के लिए चीजें खराब होने के भी कुछ संकेत मौजूद हैं, जो ज्यादातर बैंकों के तिमाही नतीजों में देखने को भी मिले हैं।
एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत कबी ने कहा कि कुछ बैंकों ने बढ़ती ब्याज दर को ध्यान में रखते हुए काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और एसबीआई ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया है। हालांकि, एचडीएफसी बैंक का प्रदर्शन विलय और मार्जिन की समस्या के कारण कमतर रहा है।’’
परामर्शदाता फर्म मार्केट्समोजो के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया ने कहा, ‘‘बैंकों ने साल 2022 में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन हमें यह भी समझना चाहिए कि बैंकिंग क्षेत्र के भीतर एक विचलन भी रहा है। जहां फेडरल बैंक जैसे बैंकों का प्रदर्शन असाधारण रहा है वहीं आरबीएल बैंक जैसे बैंकों को निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी है।। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचडीएफसी बैंक के मामले में भी ऐसा ही रहा है।’’
लाभ कमाने वाले शेयरों में केनरा बैंक 15 प्रतिशत, बंधन बैंक करीब 13 प्रतिशत और भारतीय स्टेट बैंक 12 फीसदी उछला है, जबकि आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और यस बैंक सात-आठ फीसदी चढ़े हैं। इंडसइंड बैंक छह फीसदी चढ़ा है जबकि कोटक महिंद्रा बैंक करीब दो प्रतिशत बढ़ा है।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘हम साफतौर पर देख सकते हैं कि निफ्टी बैंक सूचकांक ने माह-दर-माह आधार पर निफ्टी-50 से तीन प्रतिशत अंक बेहतर प्रदर्शन किया है। दिलचस्प बात यह है कि हम खुदरा कर्ज (आवास ऋण) को औद्योगिक ऋणों की तुलना में तेजी से बढ़ते हुए देखते हैं।’’
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध विश्लेषक सिरिल चार्ली ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र इस साल की दूसरी छमाही में भी ठोस प्रदर्शन के लिए तैयार है। ऋण वृद्धि में मजबूती, बेहतर परिसंपत्ति गुणवत्ता, स्वस्थ प्रावधान कवरेज अनुपात और मजबूत पूंजी पर्याप्तता से इस वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.