नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के नवनियुक्त चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा है कि कर विभाग की शीर्ष प्राथमिकता करदाताओं की शिकायतों का तेजी से समाधान है।
गुप्ता ने रविवार को आयकर दिवस पर अपने संदेश में कहा कि 31 मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में कर विभाग ने 14.09 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह किया है। यह कर संग्रह का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि नीतियों और प्रक्रियाओं को सुसंगत करने से करदाताओं से अनुपालन का बोझ कम हुआ है, जिससे हम कर संग्रह का यह आंकड़ा हासिल कर पाए हैं।
उन्होंने कहा कि हम अपनी इस उपलब्धि पर शांत होकर नहीं बैठ सकते, हमें इस रफ्तार को कायम रखने के लिए लगातार मेहनत करनी होगी। ‘‘करदाताओं की शिकायतों का तेजी से समाधान हमारी शीर्ष प्राथमिकता है।’’
उन्होंने कहा कि सीबीडीटी करदाताओं तथा अन्य अंशधारकों के साथ लगातार संपर्क में रहेगा और उनसे मिले विचारों के अनुरूप प्रक्रियाओं में सुधार जारी रखेगा।
गुप्ता ने कहा कि पिछले कुछ साल के दौरान अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक बदलाव देखने को मिला है। डिजिटल का इस्तेमाल बढ़ा है, कारोबार की नई श्रेणियों बनी हैं और नए संपत्ति वर्ग का सृजन हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज करदाता अनुपालन के बोझ में कमी और अपने मुद्दों का तेजी से समाधान चाहते हैं। इन्हीं बदलावों के मद्देनजर विभाग ने अपनी नीतियों और प्रक्रियाओं को नए सिरे से तैयार किया है। इसके पीछे एकमात्र मकसद करदाताओं की सुविधाओं को बढ़ाना और अपने कामकाज में अधिक पारदर्शिता लाना है।’’
उन्होंने कहा कि सीडीबीटी इन चीजों को सुगम करने वाला और सेवाप्रदाता है।
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग कोई ‘अखंड’ इकाई नहीं है। तकनीकी विशेषज्ञता के कई क्षेत्र हैं जिनका प्रशासन प्रतिबद्ध कैडर के अधिकारियों के पास है।
उन्होंने कहा कि कर आकलन, शिकायत निपटान और करदाताओं को सेवाएं प्रदान करने वाले अग्रिम मोर्चे के कर्मचारियों के पीछे ऐसे प्रतिबद्ध कर्मचारी हैं जो नीतियां बनाने, अंशधारकों की जरूरतों के अनुरूप नया कौशल हासिल करने के साथ तकनीकी ढांचे का रखरखाव कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विभाग ने पिछले कुछ साल के दौरान इन बदलावों के अनुरूप खुद को ढाला है, इस सफलता के पीछे यही कर्मचारी हैं।
गुप्ता ने पिछले महीने के आखिर में सीबीडीटी के प्रमुख का पद संभाला था।
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने इस मौके पर अपने संदेश में कहा कि प्रत्यक्ष कर क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने में सरकार आगे रही है। इनमें विधायी और प्रशासनिक दोनों तरह के सुधार शामिल हैं।
बजाज ने कहा कि सरकार ने एक स्थिर, अनुकूल और समानता वाली कर व्यवस्था बनाई है। इसमें नीति को लेकर स्पष्टता है और साथ ही यह कर प्रणाली करदाताओं की जरूरतों को पूरा करती हैं।
सुधारों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कर कानूनों का सरलीकरण किया गया है, मुकदमेबाजी को कम किया गया है, करदाताओं के स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित किया गया है और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के जरिये प्रक्रियाओं को सुसंगत किया गया है।
बजाज ने कहा कि कर विभाग ने पिछले कुछ साल के दौरान कर अपवंचना रोकने के लिए कई उपाय किए हैं। साथ ही विभाग ने खुद में बदलाव किया है और आज वह करदाताओं को समयबद्ध तरीके से सेवाएं प्रदान कर रहा है।
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