मुंबई, 22 जुलाई (भाषा) ऑनलाइन भुगतान में उछाल के बावजूद नकदी का इस्तेमाल लगातार जारी है और चलन में मौजूद नकदी में कमी तभी आएगी जब एक-तिहाई जनसंख्या डिजिटल भुगतान विकल्पों का इस्तेमाल करने लगे।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दिलीप असबे ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) जैसी भुगतान सेवाओं का उपयोग करने वाले लोगों की कुल संख्या 25 करोड़ यानी आबादी का लगभग पांचवां हिस्सा है।
असबे ने बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘जब तक मांग एवं आपूर्ति दोनों पक्षों में एक-तिहाई आबादी डिजिटल भुगतान विकल्पों का उपयोग नहीं करते हैं, तब तक चलन में मौजूद नकदी में कमी होना बहुत मुश्किल है।’
उन्होंने मौजूदा रफ्तार को देखते हुए कहा कि चलन में मौजूद नकदी को कम करने में 12 से 18 महीने का समय लगेगा। चलन में मौजूद नकदी की मात्रा सकल घरेलू उत्पाद का 14 प्रतिशत हो चुकी है जबकि नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद यह 12 प्रतिशत पर आ गई थी।
भाषा रिया प्रेम
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