चंडीगढ़, 22 जुलाई (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से मांग की कि वह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गठित समिति में राज्य को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए इसका पुनर्गठन करे।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को अलग-अलग लिखे पत्र में एमएसपी पर गठित समिति का पुनर्गठन करने का आग्रह करते हुए कहा है कि इस समिति में पंजाब का कोई भी प्रतिनिधि मौजूद नहीं है।
एमएसपी पर एक पैनल के गठन का वादा करने के लगभग आठ महीने बाद केंद्र सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक समिति का गठन किया।
इससे पहले बुधवार को मान ने समिति में पंजाब को प्रतिनिधित्व नहीं देने के लिए केंद्र को आड़े हाथ लेते हुए कहा था, ‘‘राज्य के किसानों के बगैर यह पैनल ‘आत्मा के बिना शरीर’ जैसा होगा।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को हर साल लगभग 6.2 करोड़ टन गेहूं एवं चावल बेहद रियायती दरों पर वितरित किए जाते हैं।
मान ने कहा, ‘‘गरीबों के लिए ये कल्याणकारी कार्यक्रम पंजाब के योगदान के कारण ही संभव हो पाए हैं।’ उन्होंने कहा कि पंजाब ने हरित क्रांति लाने और देश को खाद्यान्न अधिशेष राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मान के मुताबिक, ‘‘इस समिति में विभिन्न राज्यों के कई विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिकारियों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है, लेकिन पंजाब को कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है जबकि राज्य में एमएसपी योजना लागू होने के बाद से एमएसपी व्यवस्था को सबसे सफलता से लागू किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप इस बात की सराहना करेंगे कि पंजाब ने पिछले एक दशक में केंद्रीय पूल में लगभग 35-40 प्रतिशत गेहूं और 25-30 प्रतिशत चावल का योगदान देकर देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 5.4 करोड़ टन के कुल वैश्विक चावल निर्यात में भारत का योगदान 2.15 करोड़ टन के साथ लगभग 40 प्रतिशत था और इसकी बड़ी मात्रा पंजाब से आयी थी। उन्होंने कहा कि भारत ने वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 80 लाख टन गेहूं का भी निर्यात किया।
केंद्र सरकार की सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, यह समिति एमएसपी प्रणाली को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाकर किसानों को एमएसपी उपलब्ध कराने के तरीकों पर गौर करेगी।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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