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Thursday, 21 November, 2024
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इस सूची से योगी आदित्यनाथ को शहरों के नाम बदलने से आसानी होगी

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उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता ‘मुस्लिम नाम’ वाले शहरों को बदलने के आसपास घूमती दिखाई दे रही है. वैसे उत्तर प्रदेश में ऐसे नामों की कमी नहीं हैं और यह उन्हें 2019 तक व्यस्त रख सकता है.

नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक मिशन पर दिखाई दे रहे हैं. वह मिशन शहरों का नाम बदलना है. अगर उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं पर ध्यान दें तो आप पाएंगें कि इन दिनों सरकार मुस्लिम नाम वाले शहरों और कस्बों को नया नाम देने में व्यस्त है.

इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने के एक महीने से भी कम समय में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया.

नाम बदलने की इस प्रक्रिया की आलोचना करने वालों के लिए भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पर्याप्त तर्क हैं. इलाहाबाद शहर के नाम को प्रयागराज करने पर आई सख्त प्रतिक्रियाओं पर उन्होंने कहा, जब मैंने इलाहाबाद का नाम बदला, कुछ लोगों ने इस पर सवाल उठाए. कुछ ने यह भी कहा कि नाम में क्या रखा है. इसलिए मैंने कहा कि क्यों नहीं उनके माता-पिता ने उनका नाम रावण और दुर्योधन रखा. इस देश में नाम बहुत महत्व रखता है.

फिलहाल लोकसभा चुनाव के पहले मुस्लिम नाम वाले शहरों का नाम बदलकर दोबारा इतिहास लिखने में जुटे योगी आदित्यनाथ के लिए राज्य में ऐसे जगहों की कमी नहीं हैं. एक सूची पर नजर डालिए.

गाजियाबाद: 1740 में सम्राट, ग़ाज़ी-उद्-दीन द्वारा बसाये गये इस शहर को इसके संस्थापक ग़ाज़ी-उद्-दीन द्वारा ग़ाज़ीउद्दीननगर नाम दिया गया. 1864 में इसका नाम गाजियाबाद हुआ. राष्ट्रीय राजधानी से सटे होने के कारण इसे ‘गेटवे आॅफ यूपी’ भी कहा जाता है. इस जिले में एक औद्योगिक क्षेत्र है जिसे साहिबाबाद के नाम से जाना जाता है.

मुजफ़्फ़रनगर: इतिहास और राजस्व प्रमाणों के अनुसार दिल्ली के बादशाह शाहजहां ने सरवट नाम के परगना को अपने एक सरदार सैयद मुजफ़्फ़र खान को जागीर में दिया था जहां पर 1633 में उसने और उसके बाद उसके बेटे मुनव्वर लश्कर खान ने मुजफ़्फ़रनगर नाम का यह शहर बसाया.

गाजीपुर: गाजीपुर जिला मुगल काल में शानदार इतिहास के लिए प्रसिद्ध है. कुछ इतिहासकारों का कहना हैं कि हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए जाने जाने वाले मुस्लिम संत सैय्यद मसूद गाजी ने इस शहर की स्थापना की थी.

अलीगढ़: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थित इस क्षेत्र का नाम यहां के शासकों के हिसाब से बदलता रहा है. एक समय में कोल के नाम से जाना जाने वाले इस शहर का नाम 1524-25 में मुहम्मदगढ़ हो गया. 1753 में जाट शासक सूरजमल ने इसे रामगढ़ नाम दिया. बाद में जब शिया कमांडर नजाफ खान ने कोल पर कब्जा कर लिया, तो उन्होंने इसे अलीगढ़ का वर्तमान नाम दिया.

फिरोजाबाद: इस शहर का प्राचीन नाम चन्द्वार था. फिरोजाबाद का नाम फिरोज शाह मंसब डार द्वारा 1566 में अकबर के शासनकाल में दिया गया था. ऐसा कहा जाता है कि राजा टोडरमल इस शहर से गया की तीर्थयात्रा को गए थे. उन्हे लुटेरों द्वारा लूट लिया गया था उनके अनुरोध पर महान अकबर अपने मंसबदार फिरोज शाह को यहां भेजते हैं.

चित्रण: अरिंदम मुखर्जी

शाहजहांपुर: बरेली से 72 किमी और लखनऊ से 160 किमी दूर है. कहा जाता है कि मुगल बादशाह शाहजहां के नाम पर इस शहर का नाम 1647 में शाहजहांपुर रखा गया.

सुल्तानपुर: किवंदती है कि इस शहर की स्थापना राम के पुत्र कुश ने की थी इसलिए इसके कुशपुरा या कुशभवनपुर के नाम से भी जाना जाता है. 1857 के विद्रोह के दौरान अंग्रेजों द्वारा क्षेत्र को कब्जा करने से पहले, गिरघाट गांव में नदी के दाहिने किनारे पर एक सैन्य स्टेशन और छावनी क्षेत्र स्थापित किया गया था. इसे आमतौर पर अधिकारियों द्वारा सुल्तानपुर के रूप में जाना जाता था.

अकबरपुर: यह आंबेडकर नगर जिले का मुख्यालय है. आंबेडकर नगर जिले का निर्माण 1995 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने फैजाबाद को काटक​र किया था. मान्यताओं के अनुसार राजा दशरथ ने यहीं पर श्रवण कुमार पर तीर चलाया था.

मुरादाबाद: इस शहर को 1600 में मुगल बादशाह शाहजहां के बेटे मुराद ने बसाया था. उनके नाम पर इसका नाम मुरादाबाद पड़ा.

मिर्जापुर: आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मिर्जापुर का नाम किसी मुस्लिम शासक ने नहीं ​बल्कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1735 में रखा था. पहले इसका नाम मिर्जापोर था. इस नाम की उ​त्पत्ति फारसी शब्द ‘अमिराजादे’ से हुई थी जिसका मतलब शासक का बच्चा है.

आजमगढ़: आजमगढ़ पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्थित है. आज़मगढ़ की स्थापना 1665 में गौतम राजपूत विक्रमजीत के बेटे ने की थी. आधिकारिक जिला वेबसाइट का कहना है कि गौतम राजपूत विक्रमजीत ने इस्लाम स्वीकार कर लिया था. उनके बेटे आजम ने इस शहर की स्थापना की.

​शिकोहाबाद: इसे पहले ‘मोहम्मद मह’ कहा जाता था. इसके निशान तहसील और कोटवली के गांवों के पास अभी भी मौजूद है. बाद में इसका नाम सम्राट औरंगजेब के सबसे बड़े भाई दारा शिकोह के नाम पर रखा गया था.

फतेहपुर सीकरी: इसे अभी वर्ल्ड यूनेस्को हेरिटेज साइट का दर्जा मिला हुआ है. फतेहपुर सीकरी एक एतिहासिक शहर है जो 1569 में मुगल सम्राट् अकबर ने स्थापित किया था. पहले इसका नाम फतेहाबाद था लेकिन बाद में अकबर ने इसे ‘फतेहपुर सीकरी’(विजय नगरी) रखा. इस शहर में भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में शुमार जामा मस्जिद स्थित है.

फर्रुखाबाद: फर्रुखाबाद की स्थापना नवाब मोहम्मद खां बंगश ने की थी, जिसने इसे 1714 में शासक सम्राट फरुखशियर के नाम पर रखा था. इस जिले में दो छोटे शहर फर्रुखाबाद और फतेहगढ़ हैं, जो आपस में पांच किमी दूर हैं.

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