नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने जा रहे भारतीय खिलाड़ियों से बुधवार को वर्चुअल बातचीत में एक ओर जहां खिलाड़ियों में जोश भरा वहीं उनके अनुभवों और जीवन संघर्षों को सुनकर कई कई बार भावुक भी हुए. पीएम ने एक ओर जहां खिलाड़ियों से पूछा फिल्म देखोगे या फिल्म में दिखोगे यही नहीं हरियाणा की पैरा एथलीट शर्मिला से बातचीत सुनकर वो भावुक भी हो गए.
शर्मिला बहुत ही गरीब परिवार से आती हैं और उनकी शादी कम उम्र में ही हो गई थी. शादी के बाद उन्हें कम ही उम्र में दो बेटियां भी हो गईं, ससुराल वालों ने उनपर और दोनों बेटियों पर खूब अत्याचार किया. विपरीत परिस्थितियों में शर्मिला ने 34 वर्ष की उम्र में खेल में एंट्री की और दो साल में स्वर्ण पदक भी जीता .
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ,‘आपने साबित कर दिया कि जीत का जज्बा हो तो कोई चुनौती मुश्किल नहीं . आपकी बेटियां भी आपकी तरह खेलों में नाम रोशन करें . उन्हें मेरा आशीर्वाद है .’
शर्मिला की बड़ी बेटी भालाफेंक और छोटी टेबल टेनिस खेलती है .
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ,‘आपने साबित कर दिया कि जीत का जज्बा हो तो कोई चुनौती मुश्किल नहीं . आपकी बेटियां भी आपकी तरह खेलों में नाम रोशन करें . उन्हें मेरा आशीर्वाद है .’ शर्मिला की बड़ी बेटी भालाफेंक और छोटी टेबल टेनिस खेलती है . हुए उनके अनुभवों और जीवन को लेकर कई रोचक सवाल पूछे .
पीएम ने महाराष्ट्र के बीड जिले के स्टीपलचेस के खिलाड़ी अविनाश साबले से बातचीत के दौरान पूछा ,‘आप सेना में हैं और आपकी पोस्टिंग सियाचीन में हो चुकी है तो सियाचीन और स्टीपलचेस का कोई संबंध है क्या . नीरज चोपड़ा की तरह आपने वजन कैसे कम किया .’
इस पर साबले ने कहा ,‘सेना में बहुत कड़ी ट्रेनिंग होती है और उसमें बाधायें पार करना भी सिखाया जाता है . वहीं से नींव मजबूत हुई . चार साल सेना की ड्यूटी में बहुत कुछ सीखने को मिला . वजन कम करने में भी इसी ट्रेनिंग ने मदद की .’
ऐसा लग रहा था कि पीएम खिलाड़ियों में जोश भरने की पूरी तैयारी के साथ आए हैं. उन्होंने अंडमान निकोबार के साइकिलिस्ट डेविड बैकहम से उन्होंने पूछा ,‘आपका नाम तो एक बहुत बड़े फुटबॉलर के नाम पर है तो आपने फुटबॉल खेलने की कभी नहीं सोची . आपकी टीम में एक और खिलाड़़ी का नाम फुटबॉल खिलाड़ी के नाम पर है तो आप दोनों फुटबॉल भी खेलते हो क्या.’
खेलो इंडिया खेल में स्वर्ण पदक जीत चुके बैकहम ने कहा ,‘अंडमान में फुटबॉल की उतनी सुविधायें नही थी तो मैने साइकिलिंग में कैरियर बनाया . आपने मन की बात कार्यक्रम में मेरा जिक्र किया तो मुझे बहुत अच्छा लगा कि अंडमान जैसी जगह से निकलकर मैं राष्ट्रीय टीम में आया हूं .’
डेढ साल की उम्र में सुनामी में अपने पिता को खोने वाले बैकहम से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ,‘आपके साथ आपके परिवार को भी प्रणाम है जिसने इतनी विषमताओं में भी आपको प्रेरित किया .’
उन्होंने पश्चिम बंगाल के भारोत्तोलक अचिंत शिउले की मां और भाई की भी सराहना करते हुए कहा ,‘एक खिलाड़ी के साथ पूरा परिवार तपस्या करता है और उनके जज्बे को प्रणाम है . मां को तो चिंता रहती ही होगी कि बेटा ऐसे खेल में है कि कहीं चोट वगैरह न लग जाये .’
सिनेमा के शौकीन अचिंत से उन्होंने कहा ,‘ट्रेनिंग में सिनेमा देखने का समय तो मिलता नहीं होगा तो क्या पदक लेकर आओगे तो फिल्मे ही देखोगे .’
बैडमिंटन खिलाड़ी त्रिसा जॉली से उन्होंने गायत्री गोपीचंद से कोर्ट पर तालमेल और उसके बाहर गहरी दोस्ती के बारे में पूछा . गायत्री राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद की बेटी और त्रिसा की जोड़ीदार हैं .
उन्होंने यह भी कहा ,‘ आप दोनों खेलों के बाद किस तरह से सेलिब्रेट करेंगी . पी वी सिंधू तो ओलंपिक के बाद आइसक्रीम खाना चाहती थी .’
टोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य सलीमा टेटे से उन्होंने उनके संघर्षों और तोक्यो ओलंपिक के अनुभव के बारे में पूछा . उन्होंने भारतीय महिला और पुरूष हॉकी टीमों को शुभकामनायें भी दी .
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