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बुधवार, 25 जून, 2025
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दल बदल कानून के मुद्दे पर कानूनी एवं अन्य विशेषज्ञों से और चर्चा की जायेगी : बिरला

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नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि दलबदल विरोधी कानून को मजबूत बनाने के लिए पीठासीन अधिकारियों, संवैधानिक एवं कानूनी विशेषज्ञों तथा अन्य हितधारकों से और विचार विमर्श किया जायेगा।

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने देश के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें दल-बदल विरोधी कानून को मजबूत करने, विधायिकाओं में गरिमापूर्ण ढंग से चर्चा करने, विधानसभाओं की न्यूनतम बैठकों की संख्या जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई ।

बैठक के बाद बिरला ने संवाददाताओं से कहा कि इसमें दल-बदल विरोधी कानून के बारे में चर्चा हुई । इस विषय पर गठित समिति ने यह राय व्यक्त की है कि इस पर कानूनी एवं अन्य विशेषज्ञों से और राय ली जाए ।

उन्होंने कहा कि सभी विधानसभा अध्यक्षों का यह मत रहा है कि वे निष्पक्षता से और निर्विवाद रूप से अपनी अपनी संस्थाओं में काम करना चाहते हैं।

बिरला ने कहा कि पूर्व में बैठकों में पीठासीन अधिकारियों ने यह राय व्यक्त की थी कि हमारे अधिकार असीमित हैं और उन्हें सीमित किया जाए ।

इस विषय पर समिति की रिपोर्ट के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि समिति ने यह राय व्यक्त की कि इस विषय पर अभी विशेषज्ञों से और परामर्श किया जाए ।

ज्ञात हो कि इस विषय पर राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था।

इस विषय पर पूछे जाने पर जोशी ने ‘भाषा’ से कहा कि उन्होंने रिपोर्ट सौंप दी है और अभी इस विषय पर आगे कुछ कहना उनके लिये उचित नहीं है।

देहरादून में हुई पूर्व की बैठक में कई पीठासीन अधिकारियों ने अपने असीमित अधिकारों को सीमित करने की बात कही थी।

यह पूछे जाने पर कि क्या आप व्यक्तिगत रूप से मानते हैं कि दल बदल विरोधी कानून को मजबूत बनाया जाना चाहिए, बिरला ने कहा कि स्पीकर का कोई व्यक्तिगत मत नहीं होता है।

अदालतों द्वारा विधानसभा अध्यक्षों के फैसले बदलने के बारे में एक सवाल के जवाब में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं । संविधान के तहत कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं विधायिका का अधिकार क्षेत्र स्पष्ट है और सभी को इसका पालन करना चाहिए ।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा सहित देश के कुछ राज्यों में हाल के घटनााक्रम के परिप्रेक्ष में दल बदल कानून का मुद्दा महत्वपूर्ण बन गया है। कई वर्गो द्वारा दल बदल कानून को मजबूत बनाने की मांग की जा रही है।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायिकाओं में वाद-विवाद और चर्चा गरिमापूर्ण होनी चाहिए और प्रत्येक सदस्य को इस तरह से आचरण करना चाहिए जिससे सदन की गरिमा और मर्यादा में वृद्धि हो।

उन्होंने कहा कि बैठक में पीठासीन अधिकारियों ने विधानसभाओं की बैठकों की कम होती अवधि को लेकर चिंता व्यक्त की । सभी का यह मत था कि विधानसभाओं की जितनी ज्यादा बैठकें होंगी, उतनी कार्यपालिका की जवाबदेही मजबूत होगी और इस दिशा में अपेक्षित प्रयास होना चाहिए ।

बिरला ने यह भी बताया कि उनके नेतृत्व में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल 20-26 अगस्त तक हैलिफ़ैक्स, नोवा स्कोटिया, कनाडा में होने वाले राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) सम्मेलन में भाग लेगा।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में 54 देशों के 181 प्रतिनिधि भाग लेंगे जिनमें भारत से 27 प्रतिनिधि शामिल होंगे।

भाषा दीपक

दीपक नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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