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Friday, 8 November, 2024
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क्या योगी 2.0 सिर्फ बुलडोजर और मुस्लिम विरोधी राजनीति करती है? अंदर से मामला बिलकुल उलट है

प्रशासनिक अधिकारियों और करीबी सहयोगियों के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ विकास, रोजगार और बुनियादी ढांचे पर काम करने वाले मुख्यमंत्री हैं, जो 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को निरंतर बनाए रखने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं.

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लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी उस समय हैरान रह गए जब 3 जुलाई को हैदराबाद में संपन्न हो रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उठकर खड़े हुए और एक तस्वीर खिंचवाने के लिए उनके पास बैठ गए. इसके बाद दोनों बातचीत में मशगूल दिखे.

उनके बीच बातचीत की जानकारी रखने वाले एक नेता ने बताया कि योगी सिद्दीकी से यूपी में अल्पसंख्यक मोर्चा की योजनाओं के बारे में पूछ रहे थे. इससे कुछ घंटे पहले योगी ने भाजपा के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय को संबोधित करते हुए कहा था कि कैसे मुस्लिम, विशेष रूप से महिलाएं यूपी में पार्टी के लिए मतदान कर रही हैं.

बीजेपी नेता, मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने में दिलचस्पी रखने वाले यूपी के सीएम के नए अवतार को देखकर हैरान हैं. अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के लिए योगी मुस्लिम विरोधी हैं. जब उन्होंने नागरिकता विरोधी (संशोधन) अधिनियम के प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को उतारा और मुसलमानों के घरों में बुलडोजर भेजे तो उनकी इस सोच को ओर बढ़ावा मिल गया.

लोक भवन में सीएमओ से बुलडोजर पर एक नजर

लखनऊ के लोक भवन में सीएम कार्यालय का दौरा किया तो सरकार के साथ काम करने वाले उनकी एक अलग छवि पेश करते नजर आए. वो कहते हैं, ‘दिल्ली मीडिया हर चीज को हिंदू-मुस्लिम बाइनरी में देखता है. सड़कों पर जाइए और लोगों से बात कीजिए. तब आपको पता चलेगा कि आप कितने गलत हैं.’

मुख्यमंत्री के एक करीबी ने दिप्रिंट को बताया कि योगी पिछले विधानसभा चुनाव में मुस्लिम महिलाओं से अधिक वोट पाने की उम्मीद कर रहे थे क्योंकि कल्याणकारी योजनाएं उन तक पहुंच चुकीं थीं. लेकिन कर्नाटक के हिजाब मसले के बाद से बीजेपी को मुस्लिम महिलाओं से ‘कम से कम 10 प्रतिशत’ और अधिक वोट मिलेंगे. कहा जाता है कि योगी ने अपने सहयोगियों को ऐसा बताया था.

जब हिजाब पहने मांड्या की छात्रा मुस्कान का ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने वाली भीड़ के सामने ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगाने का वीडियो वायरल हुआ, तो यूपी के सीएम जाहिर तौर पर परेशान थे.

योगी के एक विश्वासपात्र ने बताया, ‘एक निजी बातचीत में योगी जी ने कहा, ‘वह अभी एक बच्ची है. जब आप उस पर (भगवा) गमछा लहराते हैं और चिल्लाते हैं (जय श्री राम) तो आप उससे क्या करने की उम्मीद करेंगे.? यह पूरी तरह से गैर-जरूरी है. क्या हमारी हिंदू महिलाएं अपने घरों में बुजुर्ग पुरुषों को देखकर घूंघट नहीं पहनती हैं? एक बार महिलाओं के शिक्षित हो जाने के बाद ये चीजें बंद हो जाएंगी.’ उन्होंने आगे बताया ‘साफतौर पर वह सार्वजनिक रूप से यह नहीं कह सकते थे.’

उन्होंने एक और कहानी का जिक्र किया. योगी मुख्यमंत्री बनने से पहले, आमतौर पर गोरखनाथ मंदिर में आने वाले शादी के निमंत्रण में से किसी एक को चुनते थे. उन्होंने कांग्रेस के एक मुस्लिम पूर्व विधायक के निमंत्रण को चुना. ‘उन्होंने इसमें भाग लेने का फैसला किया. योगी जी को वहां देख कांग्रेसी भावविह्वल हो गए थे.’

ये कहानियां योगी की छवि से मेल नहीं खाती. आप मुसलमानों के घरों को ध्वस्त करने वाले बुलडोजर को कैसे सही ठहराएंगे?

सूचना और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस सवाल के जवाब में, बुलडोजर भेजे जाने से पहले प्रयागराज में जावेद अहमद को भेजे गए नोटिस का विवरण देते हुए कहा, ‘ऐसा इसलिए है क्योंकि मीडिया तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है.’

सहगल ने दिप्रिंट को बताया, ‘ये सभी डेमोलिशन कानून के तहत किए गए हैं. सभी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है. दिल्ली मीडिया को नोएडा में (यमुना के बाढ़ के किनारे पर) अवैध फार्महाउसों पर चलता हुआ बुलडोजर क्यों नहीं दिखाई देता है.?

इसके बजाय वह 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के बारे में बात करते हैं. यूपी सरकार रोडमैप तैयार करने के लिए सलाहकार नियुक्त करने के लिए सात कंपनियों की बोलियों की पड़ताल कर रही है. इनमें डेलॉयट टौच तोहमात्सु इंडिया, ग्रांट थॉर्नटन इंडिया, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, इन्वेस्ट इंडिया, नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज, जेसीएल इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड और डॉ राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, पूसा शामिल हैं.

सहगल ने राज्य में निवेश लाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई श्रम सुधारों और अन्य पहलों को सूचीबद्ध किया. उनके पास पहले से ही कुछ बड़े निवेशक हैं – इंफोसिस, अदानी एंटरप्राइजेज, रिलायंस, माइक्रोसॉफ्ट, सैमसंग. आप इनका जिक्र कर सकते हैं.

सहगल ने कहा, ‘योगी आदित्यनाथ 2.0 विकास, रोजगार और बुनियादी ढांचे के बारे में है. हमें यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की जरूरत है. इसके लिए यूपी को 20 फीसदी की दर से विकास करना होगा. और इसलिए कानून व्यवस्था इतनी महत्वपूर्ण हो गई है. जब उद्योगों को पता चलेगा कि यूपी में कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है, तो वे आएंगे और निवेश करेंगे.’

विशेषज्ञों का कहना है कि यूपी सरकार का 2021-22 के लिए जीएसडीपी का अग्रिम अनुमान 254 बिलियन डॉलर है और इसे 2027 तक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए चार गुना बढ़ना होगा.

सहगल इसे लेकर आश्वस्त थे. उन्होंने बताया ‘क्यों नहीं? ब्राजील दो-तीन साल पहले 27 फीसदी की दर से बढ़ा था. कई अन्य देश बहुत तेजी से बढ़े हैं. यूपी भी कर सकता है. 2020 में भारत की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में यूपी दूसरे नंबर पर था. हम नंबर 1 नहीं हैं क्योंकि हमारे पास कमर्शियल कोर्ट नहीं थे. हम उन्हें अभी स्थापित कर रहे हैं.’

जब दिप्रिंट ने कानून और व्यवस्था के अतिरिक्त महानिदेशक, प्रशांत कुमार से मिलने के लिए पुलिस मुख्यालय का दौरा किया, तो 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात चलती रही.

जब उनसे पूछा गया कि यूपी पुलिस केवल मुस्लिम डॉन को क्यों निशाना बनाती है – प्रयागराज में अतीक अहमद, गाजीपुर में मुख्तार अंसारी?

तो उन्होंने इस सवाल को खारिज कर दिया: ‘हमें यूपी को अपराध मुक्त बनाना है. हम यूपी को अपराधियों की सीमा से बाहर कर देंगे, चाहे हिंदू हो या मुस्लिम’ उन्होंने कहा कि हमारा मकसद एक ऐसा माहौल देना है जहां निवेशक पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कर सकें.

योगी आदित्यनाथ खुद दिन-प्रतिदिन के घटनाक्रम पर नजर रखते हैं. लगभग 9.30 बजे, दिन खत्म होने से पहले सीएम अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), अवनीश अवस्थी, पुलिस महानिदेशक, प्रशांत कुमार और कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हैं. अधिकारियों का कहना है कि योगी बार-बार जो संदेश दोहराते रहते हैं, वह है ‘अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस.’

यूपी पुलिस ने ठेके पर हत्या, जबरन वसूली, शराब की तस्करी आदि में शामिल 62 ‘माफियाओं’ की पहचान की है. उनकी लगातार ‘निगरानी’ की जाती है और उनका ‘आर्थिक साम्राज्य नष्ट’ किया जा रहा है. उनमें से ज्यादातर जेल में हैं लेकिन उनके जो साथी बाहर हैं उन्हें प्रशासन का सामना करना पड़ता रहता है.

उनमें से कितने मुसलमान हैं? मानो प्रशांत कुमार इस सवाल की उम्मीद कर रहे थे, उन्होंने तुरंत ‘माफियाओं’ का जानकारी वाले कागजात का एक ढेर लगा दिया. वह बोले ‘आप खुद ही देख लो. हम भेदभाव नहीं करते हैं.’

दिप्रिंट ने उनमें से बेतरतीब ढंग से एक पेज उठाया. इसमें पांच नाम थे- रिजवान जहीर, देवेंद्र सिंह, सुंदर भाटी, सिंहराज भाटी, अंकिल गुर्जर और अमित कसाना. दूसरे पेज पर तीन नाम थे- संजीव माहेश्वरी, आकाश जाट और मुनीर. माहेश्वरी आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, जाट को दो अलग-अलग मामलों में 10 साल की सजा और एक मामले में मुनीर को मौत की सजा और दूसरे मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी. गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी जब्त की गई संपत्तियों की कीमत थीः माहेश्वरी- 4 करोड़ रुपये, जाट-33 लाख रुपये और मुनीर- 35.6 लाख रुपये.

प्रशांत कुमार ने बताया, ‘हमारा लक्ष्य साफ है. हम उत्तर प्रदेश में अपराधियों को काम नहीं करने देंगे. अपराध के प्रति बिल्कुल जीरो टॉलरेंस.’

सत्ता के गलियारों में नई चर्चा

जहां यूपी में सीएमओ और पुलिस मुख्यालय ज्यादातर सुर्खियों में हैं, वहीं अन्य सरकारी कार्यालयों में भी तेजी से काम करने और उद्देश्य की भावना महसूस की जा सकती है. डाली बाग में गन्ना किसान संस्थान कार्यालय में एक गर्म सुबह थी. लोक भवन से पांच मिनट की ड्राइव पर आबकारी, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी यूपी में डवलपिंग वाइनरी पर एक मैराथन बैठक में व्यस्त थे. वह यह समझाने के लिए कुछ समय निकाल रहे थे कि कैसे ये वाइनरी किसानों को उनके द्वारा उत्पादित फलों के लिए सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त करने में मदद करेंगी.

भूसरेड्डी ने कहा, ‘हमारी नई आबकारी नीति देश में सबसे अच्छी है.’ सरकार को 2022-23 में उत्पाद शुल्क में 41,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है.

एक सन्यासी के राज में प्रीमियम एल्कोहॉलिक बिवरेज बेचने वाले हाई-एंड स्टोर के बारे में बात करना, क्या ये अजीब नहीं है? वह मुस्कुराते हुए कहते हैं, ‘योगी जी कोई विज्ञापन या ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहते जो शराब पीने के लिए लोगो को प्रोत्साहित करे.’


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(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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