दिल्ली में गुरुवार से निर्माण कार्यों, उद्योगों और कूड़े जलाने पर रोक लगाई गई है, इसके अलावा और पाबंदियां जैसे ट्रक के प्रवेश पर रोक और वाहनों के सम-विषम योजना पर विचार किया जा रहा है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्र में गुरुवार को वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई. यहां आर्द्रता बढ़ने से सूक्ष्मकण बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. इसके अलावा पंजाब व हरियाणा के किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली से समस्या और विकट हो गई है.
यहां गुरुवार से निर्माण कार्यो, उद्योगों और कूड़े जलाने पर रोक लगाई गई है, इसके अलावा और पाबंदियां जैसे ट्रक के प्रवेश पर रोक और वाहनों के सम-विषम योजना पर विचार किया जा रहा है.
विज्ञान व पर्यावरण (सीएसई) केंद्र से जुड़े वरिष्ठ रिसर्च एसोसिएट पोलाश मुखर्जी ने कहा, ‘पंजाब व हरियाणा में पराली जलाना शहर के प्रदूषण में 28 से 30 प्रतिशत का योगदान दे रहा है.’
दिल्ली के ऊपर बने स्थिर हवा के क्षेत्र की वजह से प्रदूषण फैलाने वाले कण गुरुवार तड़के बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, उस समय यहां वायु की गुणवत्ता को ‘बहुत खराब’ के स्तर पर थी.
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने लोगों को बाहर की सभी गतिविधियों से बचने की सलाह दी है और जिन्हें अस्थमा है, उन्हें अपने पास दवाई रखने की सलाह दी गई है.
पूर्वाह्न् 11 बजे दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 394 था. इस बीच प्रदूषकों के बढ़ने से दिल्ली में पीएम2.5 का स्तर 147 और पीएम10 का स्तर 448 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर था. 400 के सूचकांक से आगे बढ़ने के बाद ही वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच जाती है.
पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में, पीएम 2.5 और पीएम10 का औसत स्तर क्रमश: 241 और 431 यूनिट बना हुआ है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, खतरनाक वायु गुणवत्ता की स्थिति तब पैदा होती है, जब पीएम2.5, 250 से 300 के बीच और पीएम10, 430 से 500 के बीच हो.
चांदनी चौक, द्वारका उपनगर, रोहिणी, आरके पुरम, नरेला, पंजाबी बाग 36 में से उन 18 जगहों में शामिल हैं, जहां खतरनाक वायु गुणवत्ता के साथ पीएम2.5 खराब स्तर तक पहुंच गया है.
गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में पूर्वाह्न् 11 बजे वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर था.
हर्षवर्धन ने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री के साथ की बैठक
दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री के साथ बैठक कर स्थितियों की समीक्षा की और दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए एक कार्य योजना बनने पर बात की.
Delhi: Union Minister Dr Harsh Vardhan holds a meeting with Delhi Environment Minister over review and action plan on air pollution. pic.twitter.com/GKda1nlOTO
— ANI (@ANI) November 1, 2018
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि अगले कुछ दिनों में, हवा की गुणवत्ता में सुधार की कोई संभावना नहीं है, लेकिन हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं.
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा सरकार का पराली नहीं जलाने का दावा बिलकुल गलत है. उन्होंने कहा कि सैटेलाइट की तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा हैं कि यहां पराली जलाई जा रही है, विशेष रूप से पंजाब में.
Punjab and Haryana Govts claiming that there is no stubble burning in these states is wrong. Satellite images show stubble burning, especially in Punjab. I appeal that politicians should not give irresponsible statements, rather help resolve the issue: Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/2VRexaT0bN
— ANI (@ANI) November 1, 2018
केजरीवाल ने कहा कि मैं राजनेताओं से अपील करता हूं कि वो इस तरह के गैर जिम्मेदाराना बयान न दें, बल्कि इस मुद्दे को हल करने में सरकार की मदद करें.
इससे पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल के नेतृत्व में की गई बैठक में अधिकारियों ने एलजी को बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ 1368 कारण बताओ नोटिस और 417 को बंद करने के निर्देश जारी किए हैं.
उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, पीएनजी ना अपनाने वाले 113 उद्योगों को बंद करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. एलजी ने बढ़ते वायु प्रदूषण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पर्यावरणीय मार्शल की अधिक तैनाती का निर्देश भी दिया है.
वहीं, हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता को एक गंभीर समस्या करार दिया और राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तरों को कम करने के लिए सामूहिक कदम उठाने का आह्वान किया.
राहुल ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है. यह हम सब की जिम्मेदारी है कि हम अपने आस पास के प्रदूषण को कम करने के लिए हरसंभव कदम उठाएं. देशवासियों के सहयोग के बिना कोई भी सरकार, वायु प्रदूषण से निजात नहीं दिला सकती.’
(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)