scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशमेट्रो कार शेड के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए आदित्य ठाकरे, कहा- आरे की लड़ाई, मुंबई की लड़ाई है

मेट्रो कार शेड के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए आदित्य ठाकरे, कहा- आरे की लड़ाई, मुंबई की लड़ाई है

शिवसेना नेता ने कहा- जब हम सरकार में थे तब हमने इसी आरे में 808 एकड़ जंगल घोषित किया...आरे के कार शेड को अगर कांजुरमार्ग लेकर गए तो पैसे की भी बचत होगी और जंगल को भी बचाया जा सकेगा.

Text Size:

नई दिल्ली: मुंबई के गोरेगांव के आरे में मेट्रो कार शेड के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है. इस दौरान शिवसेना नेता और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्या ठाकरे इस प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने कहा, ‘मैं यही कहूंगा कि हमसे अगर उन्हें(एकनाथ शिंदे) कोई गुस्सा या नाराजगी है, उसे मुंबई पर न निकाला जाए.’

प्रदर्शनकारी ‘सेव आरे’ के पोस्टर के साथ विरोध कर रहे हैं और हल्लाबोल के नारे लगा रहे हैं.

शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘आरे की लड़ाई मुंबई की लड़ाई है, ये हमारे देश की जान हमारे जंगल के लिए लड़ाई है. जब हम सरकार में थे तब हमने इसी आरे में 808 एकड़ जंगल घोषित किया…आरे के कार शेड को अगर कांजुरमार्ग लेकर गए तो पैसे की भी बचत होगी और जंगल को भी बचाया जा सकेगा.’

आदित्य ने कहा कि हमने जंगल के लिए और अपने आदिवासियों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी. जब हम यहां थे तो कोई पेड़ नहीं काटा गया.

गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे की सरकार जब सत्ता में थी तो आरे में इस जंगल को मेट्रो शेड के लिए काटे जाने पर रोक लगा दी थी. एक रिपोर्ट के मुताबकि 1,800 एकड़ में फैले इस आरे जमगल को ‘मुंबई का फेफड़ा’ कहा जाता है. आरे जंगल में तेंदुओं के अलावा जीव-जंतुओं की करीब 300 प्रजातियां पायी जाती हैं. यह उपनगर गोरेगांव में स्थित है और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ा हुआ है.

क्या है पूरा मामला

मेट्रो-3 कार शेड प्रोजेक्ट को 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने सबसे पहले आरे में हरी झंडी दी थी लेकिन स्थानीय NGO वनशक्ति ने बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.

इसके बाद फडणवीस जब सत्ता में आए तो वह भी इस प्रस्ताव पर आगे बढ़े. लेकिन पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने कार शेड के लिए आरे में पेड़ काटे जाने का कड़ा विरोध किया.

वहीं जब शिवसेना-NCP-कांग्रेस गठबंधन के 2019 में सत्ता में आई तो तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस फैसले को पलट दिया और मेट्रो-3 कार शेड को कांजुर मार्ग पूर्वी उपनगर में बनाने का प्रस्ताव दिया, लेकिन यह फैसला कानूनी पचड़े में फंस गया.

अहम यह भी है कि ठाकरे सरकार ने आरे को आरक्षित वन भी घोषित कर दिया था.

मुंबई का यह मेट्रो-3 कार शेड अहम है क्योंकि मुख्यत: यह पश्चिमी उपनगर को मुंबई में दो प्रमुख औद्योगिक हब बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स और एसईईपीजेड से जोड़ती है.

(एएनआई के इनपुट्स के साथ)

share & View comments